प्रयागराज महाकुंभ में सोशल मीडिया की वजह से एकाएक सुर्खियों में आकर आईआईटियन बाबा के नाम से मशहूर हुए अभय सिंह के उस स्कूल को आज तक ने खोज निकाला है, जहां उन्होंने प्राइमरी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद आईआईटी तक का सफर तय किया. मंगलवार को आज तक की टीम डीएच लारेंस स्कूल पहुंचा. इस दौरान स्कूल के संचालक रमेश रोहिला ने अभय को लेकर विस्तार से बातचीत की.
स्कूल संचालक रमेश रोहिला ने बताया कि अभय उनके जीवन का अब तक का सबसे होनहार छात्र है. अभय ने प्राइमरी से लेकर 12वीं तक इसी स्कूल में पढ़ाई की. उसके हमेशा ही हर विषय में 92 प्रतिशत से लेकर 98 प्रतिशत तक अंक आते थे. उसकी साइंस पर पकड़ मजबूत थी और स्कूल में समय-समय पर लगने वाली साइंस एग्जीवीशन में अभय भाग लिया करता था.
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माता-पिता पर लगाए गए आरोप निराधार: रमेश
हर माह स्कूल में पैरेंट्स मीटिंग भी होती थी और उसके माता-पिता हर मीटिंग में शामिल होते थे. उस दौरान कभी भी ऐसा देखने को नहीं मिला कि अभय अध्यात्म की ओर जाना चाहता है या फिर वह अपने माता-पिता की वजह से डिस्टर्ब है. छात्र जीवन के अच्छे संस्कार की वजह से ही अभय ने आईआईटी तक का सफर तय किया.
हालांकि, रमेश रोहिला ने अभय के वैराग्य धारण करने को अच्छा कदम बताया, लेकिन अभय द्वारा माता-पिता पर लगाए गए आरोप को स्कूल संचालक ने किसी भी तरह से सपोर्ट नहीं किया. उन्होंने कहा कि अभय की एक विडियो आई है जिसमें उसने अधिकांश माता-पिता को संदेह के कठघरे में खड़ा किया है.
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उन्होंने कहा कि ऐसे एक-दो अपवाद हो सकते हैं, लेकिन सभी नहीं. अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों की भलाई ही चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर आई अभय की वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि शायद वह अभी अपने आप को समझना चाहता है. उसे अभी यही नहीं पता कि वह संसार में आया क्यों है. उन्होंने कहा कि अभय देश और समाज को अच्छी दिशा में ले जाने की खोज में ही अपना ध्यान लगाए.
अध्यात्म पर जाने के अनेक ऐसे उदाहरण है जिन्होंने अच्छा-पढ़ लिखकर अध्यात्म के माध्यम से ही समाज को नई दिशा दिखाई है और आज उनके करोड़ों चाहने वाले भी हैं. ऐसे में अभय को चाहिए कि वह भी देश और समाज को नई दिशा दे, लेकिन माता-पिता पर बेबुनियाद आरोप न लगाए.