युवाओं पर व्हीकल की मॉडिफिकेशन (modified car) का जुनून इस कदर हावी है कि पहचानना मुश्किल हो जाता है कि आखिर ये कौन सी गाड़ी है? युवा अपने वाहनों को इस तरह से मॉडिफाइड करवाते हैं कि ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर सड़क पर उतरते हैं. ऐसे में बुलेट के साइलेंसर की बात हो या फिर गाड़ी के चौड़े-चौड़े टायर की बात हो...युवा शौक के आगे नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं. ऐसे खबरें समय-समय पर विभिन्न मीडिया माध्यमों में भी आती रहती हैं.
ऐसा ही मोडिफिकेशन का एक ताज़ा मामला हरियाणा के कैथल जिले से आया है. जिसके विषय में सुनकर आप चौंक जाएंगे. जानकारी के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस ने एक 24 इंच चौड़े टायर डलवाई थार जीप का रोककर चालान किया. मॉडिफाइड थार (modified Thar) का 23 हज़ार का चालान (Challan) किया गया व गाड़ी को इंपाउंड क़र दिया गया. क्योंकि मौके पर गाड़ी के कोई कागज़ नहीं थे. साथ ही कार को ट्रैफिक के नियमों के विरूद्ध मॉडिफाइड (Modification Against Traffic Rule) करवाया गया था. गाड़ी में लगभग दो फ़ीट चौड़े टायर लगे थे.
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आगे पीछे मोटे-मोटे अक्षरों में प्रभावशाली जाति सूचक शब्द लिखें थे. इसके अलावा भी बहुत सी ऐसी चीजें लगाई गई थी जो ट्रैफिक नियमों के खिलाफ़ थीं. असली बात निकलकर तब सामने आई जब चालान करने के बाद मॉडिफाइड थार को पुलिस थाने ले जाकर रिकॉर्ड खंगाला.
गाड़ी को चालान के बाद किया गया सीज
दरअसल, पुलिस ने जब रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला 19 साल पुरानी बोलेरो है. बोलेरो गाड़ी डबवाली शहर में एक्सीडेंट हुई थी, जिसके बाद इसे कबाड़ी को बेच दिया गया. कबाड़ी से बोलेरो को खरीदकर इसे नई थार के रूप में मॉडिफाइड कर दिया गया. फिलहाल गाड़ी का चालान करके सीज कर दिया गया है.
ट्रैफिक डीएसपी (traffic DSP) सुशील प्रकाश ने बताया कि एक मॉडिफाइड थार जीप का 23 हजार रुपये का चालान करके इम्पाउंड किया गया था. लेकिन जब रिकॉर्ड खंगाला गया तो ये 19 साल पुरानी एक बोलेरो गाड़ी निकली. जिसे एक्सीडेंट के बाद मोडिफाई करके थार जीप बना दी गई थी. ट्रैफिक डीएसपी ने ये भी बताया कि जो एजेंसी से गाड़ियां या बाइक आती हैं वो ट्रैफिक नियमों के मानकों के अनुसार बनाए जाते हैं लेकिन उनकी मोडिफिकेशन करवाना ट्रैफिक नियमों के बिल्कुल खिलाफ है जिसका हम चालान करते रहेंगे.