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करनाल हंगामे में पुलिस का बड़ा एक्शन, 800 लोगों के खिलाफ FIR, कई धाराओं में केस

करनाल पुलिस ने इस मामले में उपद्रव के आरोप में कुल 800 से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जब रविवार को हंगामा हो रहा था तो बड़े आईपीएस अधिकारियों के साथ-साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर थे पर पुलिस उनके सामने भी बेबस नजर आ रही थी.

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करनाल में सीएम के कार्यक्रम से पहले हंगामा (फोटो- पीटीआई)
करनाल में सीएम के कार्यक्रम से पहले हंगामा (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 71 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा
  • कुल 800 लोगों के खिलाफ FIR
  • सीएम को रद्द करना पड़ा था कार्यक्रम

करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत से पहले हुई तोड़फोड़ के हरियाणा पुलिस ने सख्ती दिखाई है. इस मामले में 71 प्रदर्शनकारियों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि कुल 800 लोगों के अधिक लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. 

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वहीं इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है. बता दें कि इस किसान महापंचायत में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को आना था, पर प्रदर्शनकारी किसानों के हंगामे के बाद सीएम को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था. रविवार को करनाल में प्रदर्शनकारियों ने सीएम के मंच और हैलिपेड पर कब्जा कर लिया था.

कैमला गांव में प्रदर्शनकारी किसान मुख्यमंत्री के आने से पहले ही उस जगह पर पहुंच गए जहां सीएम मनोहर लाल का कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में सीएम किसानों से संवाद करने वाले थे और 3 कृषि कानूनों के बारे में जनता को बताना और समझाना चाह रहे थे. 

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प्रदर्शनकारी किसानों ने पहले हेलिपैड पर कब्जा किया, फिर मंच के पास रखा पोडियम तोड़ डाला, फिर कुर्सियां, गमले, साउंड सिस्टम और अंत मे पोस्टर तक फाड़ दिया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी इस घटनाक्रम को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर हमला बोला था. रविवार रात होते करनाल के पुलिस कप्तान गंगा राम पूनिया ने 71 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नामजद दर्ज कर दिया. इधर गुरनाम सिंह चढूनी ने खुद इस घटना की जिम्मेदारी ली है.

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पुलिस ने इस मामले में उपद्रव के आरोप में कुल 800 से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जब रविवार को हंगामा हो रहा था तो बड़े आईपीएस अधिकारियों के साथ साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर थे पर पुलिस उनके सामने भी बेबस नजर आ रही थी. प्रदर्शनकारियों  के ऊपर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट करने, धमकी देने, साजिश रचने और उकसाने के तहत मामला दर्ज किया है. 
 
इस मामले में पुलिस की जांच जारी है, फिलहाल किसी भी प्रदर्शनकारी को हिरासत में नहीं लिया गया है.

 

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