भारत पुरानी सभ्यताओं का देश है, पूरे देश में कई जगह आज भी प्राचीन काल की निशानियां मिल ही जाती हैं. ऐसा ही कुछ हाल है हरियाणा के हिसार जिले में राखीगढ़ी गांव का. इस गांव से हड़प्पाकालीन सभ्यताओं की कई यादें जुड़ी हैं, लेकिन अब ये ही बात गांव वालों के लिए मुश्किल का सबब बन रही है. और इस मुद्दे की वजह से आस-पास के गांव की खाप पंचायत और राज्य की हरियाणा सरकार में ठनी हुई है.
दरअसल, हरियाणा सरकार यहां पर हड़प्पा सभ्यता को संजोने वाला म्यूज़ियम बनाना चाहती है. लेकिन उनके आड़े गांव वालों के करीब 201 मकान आ रहे हैं, सरकार उन घरों को शिफ्ट करना चाहती है. लेकिन गांव वालों ने साफ कहा है कि वह अपनी जगह नहीं छोड़ेंगे. इस बाबत गांव वाले प्रदर्शन भी कर रहे हैं, करीब दो सौ से अधिक लोग एक साथ धरने पर बैठे हैं.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रदर्शन के बीच भी गांव वालों के हुक्के, देसी गाने का शौक पूरी तरह जारी है. दरअसल, दो गांव राखी खास और राखी शाहपुर को मिलाकर राखीगढ़ी कहा जाता है. इन इलाकों में ही 5000 साल पुरानी हड़प्पा सभ्यताओं की पुरानी चीज़ें मौजूद हैं, सरकार को यहां पर खुदाई करनी है. बताया जाता है कि गुजरात के धोलविरा के अलावा इसी जगह हड़प्पा का इतिहास है.
गांव वालों का कहना है कि जो भी सीएम बनता है वह हमें सपने दिखाता है कि आपके गांव का नाम पूरी दुनिया में होगा, लेकिन होता कुछ भी नहीं है. यह किए गए वादे के खिलाफ है, हम लोग अपना घर शिफ्ट नहीं करेंगे. दरअसल, ये प्रदर्शन पिछले महीने से ही शुरू हुआ जब ASI विभाग ने 201 परिवार वालों को उनके घर को शिफ्ट करने का नोटिस जारी किया, उन्हें कहा गया चूंकि यहां खुदाई होनी है और आपने अवैध निर्माण किया है इसलिए जल्द शिफ्ट करें.
राखी गढ़ी के गांव वालों के समर्थन में आस-पड़ोस की कई खाप पंचायतें आ गई हैं. सरकार के खिलाफ इस मुद्दे पर 12 खाप पंचायतें एकजुट हैं, जिनका प्रभाव सीधे तौर पर 17 गांवों पर है. सरकार को 6 जनवरी को मकान तोड़ने का काम करना था, लेकिन विरोध के चक्कर में नहीं हो पाया.
वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि राखी गढ़ी ऐतिहासिक गांव है, गांव में हड़प्पा संस्कृति को निखारने के लिए एक म्यूजियम बनाया जा रहा है. अदालत के आदेश हैं कि गांव के कुछ मकानों को वहां से हटाया जाए, वो अदालत के आदेशों की पालना कर रहे हैं.