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एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था, अब सब्जियां बेच रहा है

भारत में स्पोर्टेसमैन की कितना इज्जत है, इसका एक उदाहरण अब सामने है. इसी साल मई में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले एक नौजवान को अब जीवन यापन के लिए सब्जियां बेचनी पड़ रही है.

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माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाले राम लाल
माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाले राम लाल

भारत में स्पोर्टेसमैन की कितना इज्जत है, इसका एक उदाहरण अब सामने है. इसी साल मई में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले एक नौजवान को अब जीवन यापन के लिए सब्जियां बेचनी पड़ रही है.

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अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह खबर दी है. समाचारपत्र के मुताबिक हरियाणा के टोहाना का 24 वर्षीय राम लाल दुनिया के उन चुनींदा लोगों में है जिसने मई महीने में माउंट एवरेस्ट फतह किया था और वहां भारत का तिरंगा लहराया था. उन्हें राज्य सराकर की ओर से 5 लाख रुपये की नकद पुरस्कार देने की घोषणा भी की गई थी. खुद मुख्य मंत्री भूपिन्दर सिंह हुडा ने इस पुरस्कार की घोषणा की थी लेकिन इस मामले में कुछ भी नहीं हुआ.

अब राम लाल ने जीवन यापन के लिए सब्जियां बेचनी शुरू कर दी हैं. वह फतेहाबाद जिले के टोहाना में सब्जियां बेचते देखे जा सकते हैं. दिलचस्प बात यह है कि उनके साथ एवरेस्ट फतह करने वाली महिला पर्वतारोही ममता सोढ़ा को राज्य सरकार ने डीएसपी बना दिया और उन्हें 21 लाख रुपये का ईनाम भी दिया.

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राम लाल ने बताया कि उसके पिता रीढ़ की चोट के कारण बिस्तर पर हैं और उसे घर का खर्च चलाना पड़ता है. स्थानीय एनजीओ उनकी मदद कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ अन्य लोग भी उनकी मदद कर रहे हैं. मैंने घर चलाने के लिए लोन भी लिया है जिसे चुकाने के लिए मैं सब्जियां बेच रहा हूं.

उसने यह भी बताया कि ईनाम के लिए वह कई बार हरियाणा के स्पोर्ट्स मिनिस्टर परमवीर सिंह से मिला लेकिन कुछ नहीं हुआ. वह सिरसा के एमपी अशोक तंवर से भी मिले लेकिन उन्होंने भी कोई मदद नहीं की.

राम लाल चाहते हैं कि किसी तरह उन्हें ईनाम की रकम मिल जाए ताकि वह लोन चुकाएं और पिता का इलाज कराएं.

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