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सब्जी बेची, डॉक्टर बनने का सपना देखा, दूसरी बार हरियाणा के CM बने मनोहर लाल खट्टर

हरियाणा की सियासत में लगातार दूसरी बार सीएम पद पर विराजमान हुए दूसरे और गैर जाट समुदाय के खट्टर पहले नेता हैं. पंजाबी समुदाय से आने वाले 65 वर्षीय मनोहर लाल खट्टर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के आंगन में पले बढ़े हैं.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (फोटो- फेसबुक)
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (फोटो- फेसबुक)

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  • हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया खट्टर
  • गैर-जाट सीएम बनने का रिकार्ड खट्टर के नाम
  • 1947 में पाकिस्तान से रोहतक आया परिवार

मनोहर लाल खट्टर दीपावली के शुभ अवसर पर रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ. खट्टर के साथ हरियाणा में बीजेपी को समर्थन देने वाले जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लिया. हरियाणा की सियासत में लगातार दूसरी बार सीएम पद पर विराजमान होने वाले दूसरे और गैर जाट समुदाय के खट्टर पहले नेता हैं. पंजाबी समुदाय से आने वाले 65 वर्षीय मनोहर लाल खट्टर राष्ट्रीय स्वंय सेवक (आरएसएस) के आंगन में पले-बढ़े हैं.

डॉक्टर बनना चाहते थे खट्टर

बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का जन्म 5 मई, 1954 को रोहतक के निदाना गांव में हुआ, लेकिन उन्होंने अपनी सियासी जमीन करनाल को बनाया. खट्टर के पिता का नाम हरबंस लाल था, जो 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय परिवार को लेकर रोहतक आकर बस गए थे. मनोहर लाल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पंडित नेकी राम शर्मा सरकारी कॉलेज से की. उनके पिता उन्हें आगे पढ़ने देना नहीं चाहते थे. लेकिन मनोहर आगे पढ़ाई करके डॉक्टर बनना चाहते थे.  

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खट्टर पढ़ाई के जुनून में हाईस्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद घरवालों से पैसेर लेकर दिल्ली चले आए और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर मेडिकल की तैयारी करने लगे. उन्होंने तीन बार प्री-मेडिकल का टेस्ट दिया, लेकिन क्लीयर नहीं कर सके.

खट्टर का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है. परिवार की आर्थिक हालत ठीक न होने की वजह से खट्टर के पिता और दादा को मजदूरी तक करनी पड़ी है. जैसे-तैसे करके पैसे इकट्ठे किए गए और जमीन खरीदकर खेती-बाड़ी शुरू की. मनोहर लाल खुद साइकिल पर सब्जियां बेचने का काम किया करते थे और आज हरियाणा की सियासत के बेताज बादशाह हैं.

24 साल की उम्र में RSS से जुड़े

मनोहर लाल खट्टर 24 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए थे. 1979 में वह इलाहाबाद में हुए विश्व हिंदू परिषद के समागम में पहुंचे और कई संतों और संघ के प्रचारकों से मिले. 1980 में उन्होंने ताउम्र आरएसएस से जुड़ने और शादी न करने का फैसला लिया. खट्टर के इस फैसले का उनके घरवालों ने काफी विरोध किया, पर वो अपने फैसले पर टिके रहे.

आरएसएस प्रचारक के तौर पर खट्टर ने 14 साल गुजरात , हिमांचल, जम्मू कश्मीर जैसे 12 राज्यों में काम किया. इसके बाद 1994 में संघ की तरफ से उन्हें सक्रिय राजनीति के लिए भारतीय जनता पार्टी में भेजा गया. 1995 में उन्हें बीजेपी ने हरियाणा का संगठन मंत्री बनाया. 1996 में ही उन्होंने बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के साथ गठबंधन करके बीजेपी को सत्ता में हिस्सेदारी दिलाई.

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हालांकि, उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव 2014 में करनाल सीट से लड़ा और जीतकर हरियाणा के पहले बीजेपी के मुख्यमंत्री बनने का खिताब अपने नाम किया. पांच साल सफल सरकार चलाने के बाद एक बार फिर उन्हें विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. इस तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बाद मनोहर लाल खट्टर दूसरे नेता हैं, जिन्हें लगातार दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिल रही है.

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