हरियाणा पुलिस के डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने पर डीएसपी बिश्नोई की खनन माफिया ने डंपर से कुचलकर जान ले ले थी. बिश्नोई समाज के रीति रिवाज के मुताबिक उनको आखिरी विदाई दी गई.
इस मौके पर हरियाणा पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार अग्रवाल सहित जिला प्रशासन के कई आला अधिकारी और बिश्नोई समाज के कई नेता मौजूद रहे. अंत्येष्टि के दौरान 'शहीद सुरेंद्र सिंह बिश्नोई अमर रहे' के नारे लगाए गए.
दरअसल, डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई तावडू (नूंह) में तैनात थे. वह तावडू की पहाड़ी में अवैध माइनिंग की सूचना पर छापा मारने गए थे. कार्रवाई के दौरान उन्होंने खनन स्थल पर पत्थर से भरे ट्रक को रोकने की कोशिश की, तभी डंपर ने उन्हें टक्कर मार दी. डीएसपी की मौके पर ही मौत हो गई. वह तीन महीने बाद रिटायर होने वाले थे.
गुरुवार सुबह डीएसपी बिश्नोई का शव उनके पैतृक गांव सारंगपुर हिसार लाया गया. हरियाणा पुलिस के इस जांबाज अधिकारी के जज्बे को सलाम करने के लिए राजस्थान के लोग भी शामिल हुए. शहीद बिश्नोई का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया. उन्हें बकायदा सलामी दी गई.
हरियाणा के डीजीपी प्रशांत किशोर ने बताया कि राज्य सरकार ने सुरेंद्र सिंह बिश्नोई को शहीद का दर्जा देने का फैसला किया है. उनकी हत्या की न्यायिक जांच की जा रही है. हत्या में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.