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गुरुग्राम नमाज विवादः आपत्ति मिलने पर अन्य स्थानों की अनुमति भी रद्द कर सकता है प्रशासन

एसडीएम, एसीपी और दोनों समुदायों के सदस्यों के अलावा सिविल सोसायटी के लोगों की एक समिति बनाई गई है, ताकि इस मामले को सुलझाया जा सके. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से मुस्लिम समुदाय के लोगों को आश्वासन दिया गया है कि जिन लोगों को खुले में नमाज अदा करते समय परेशानी हो रही थी, उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.

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गुरग्राम में नमाज अदा करते मुस्लिम समुदाय के लोग (Photo-PTI)
गुरग्राम में नमाज अदा करते मुस्लिम समुदाय के लोग (Photo-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • विरोध के बाद कुल 37 निर्धारित स्थलों में से आठ से अनुमति वापस ली गई
  • आपत्ति मिलने पर अन्य जगहों से भी अनुमति वापस ली जा सकती है
  • आदेश के बाद मुस्लिम समुदाय में नाराजगी

गुरुग्राम में स्थानीय लोगों के विरोध के बाद निर्धारित 37 स्थानों में से आठ जगहों पर नमाज अदा करने की अनुमति वापस ली गई थी. अब जिला प्रशासन का कहना है कि अगर लोगों की अपत्तियां मिलती हैं तो अन्य स्थलों पर भी नमाज अदा करने की अनुमति रद्द की जा सकती है. 

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एसडीएम, एसीपी और दोनों समुदायों के सदस्यों के अलावा सिविल सोसायटी के लोगों की एक समिति बनाई गई है, ताकि इस मामले को सुलझाया जा सके. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से मुस्लिम समुदाय के लोगों को आश्वासन दिया गया है कि जिन लोगों को खुले में नमाज अदा करते समय परेशानी हो रही थी, उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.

वहीं नेहरू युवा संगठन वेलफेयर सोसाइटी चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख वाजिद खान ने 90 स्थानों का सुझाव दिया है, जहां नमाज अदा की जा सकती है. वहीं, गुरुग्राम के एसीपी अमन यादव ने कहा कि समस्या का समाधान खोजा जा रहा है. इस मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं. बता दें कि शुक्रवार को 29 सार्वजनिक और निजी स्थानों पर नमाज पढ़ी जा रही है.

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जिला प्रशासन ने मंगलवार को नखरोला रोड, रामगढ़ गांव, खेरकी मजरा, दौलताबाद गांव, जकरंदा मार्ग, सूरत नगर फेज -1, डीएलएफ फेज -3 और बंगाली बस्ती में स्थानीय लोगों की आपत्ति मिलने के बाद नमाज अदा करने की अनुमति वापस ले ली थी. हालांकि, प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया कि दोनों समुदायों के नेताओं से बातचीत करने के बाद नमाज पढ़ने के लिए और जगहों को चिह्नित किया जाएगा. वहीं निर्धारित 37 स्थानों में से आठ जगहों पर नमाज की अनुमति रद्द किए जाने से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शिकायत की है कि कुछ दक्षिणपंथी संगठन और स्थानीय लोग उन्हें लगातार धमकी दे रहे हैं.

ओवैसी ने अनुमति वापस लेने को मुस्लिम विरोधी बताया

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अनुमति वापस लेने और विरोध प्रदर्शन को मुस्लिम विरोधी करार दिया है. उन्होंने कहा कि गुड़गांव (गुरुग्राम) में शुक्रवार की नमाज के खिलाफ विरोध यह साबित करता है कि ''प्रदर्शनकारी'' कितने कट्टरपंथी हो गए हैं.यह मुसलमानों के प्रति नफरत है. सप्ताह में एक बार 15-20 मिनट के लिए जुमे की नमाज अदा करना किसी को कैसे आहत कर रहा है?  

स्थानीय लोगों ने कहा कि वह खुले में नमाज का विरोध करते रहेंगे. इसके तहत  स्थानीय लोगों ने सयुंक्त हिंदू संघर्ष समिति का गठन किया है, जो पिछले तीन महीनों से नमाज के दौरान सड़कों, पार्कों और सार्वजनिक स्थानों की नाकेबंदी का विरोध कर रही है. समिति के सदस्यों ने डिप्टी कमिश्नर यश गर्ग से भी मुलाकात कर कहा कि वे निर्धारित स्थलों पर नमाज अदा करने का विरोध जारी रखेंगे, क्योंकि  इससे लोगों को असुविधा हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़कों पर नमाज अदा करने वाले लोग बाहरी होते हैं जो कि बाद में रिहायशी इलाकों में घूमते रहते हैं.

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धर्म के नाम पर सड़क न हो अवरुद्ध

इससे पहले शुक्रवार को एक स्थान पर गोवर्धन पूजा की गई. पूजा में भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी शामिल हुए, उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे अपने धार्मिक स्थलों पर प्रार्थना करें. कपिल मिश्रा ने कहा कि वक्फ बोर्डों के पास नमाज अदा करने की व्यवस्था के लिए पर्याप्त जमीन है, धर्म के नाम पर रास्तों को अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए.

गुरुग्राम में 22 बड़ी मस्जिदें हैं

बता दें गुरुग्राम में 22 बड़ी मस्जिदें हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि दो साल पहले खुले में नमाज अदा करना शुरू हुआ और सड़कों पर नमाज पढ़ने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है.वहीं  मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि मस्जिदें अपर्याप्त हैं, कई मस्जिदों की जगह भी सुविधाजनक नहीं है

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