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राम रहीम केस: फैली हिंसा, लोगों ने पूछा पीएम कहां हैं?

पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली वैसे तो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं. हालांकि विवादित मुद्दों पर उनकी यह सक्रियता पीछे रह जाती है.

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गुरमीत राम रहीम
गुरमीत राम रहीम

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पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली वैसे तो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं. हालांकि विवादित मुद्दों पर उनकी यह सक्रियता  पीछे रह जाती है. ऐसा ही देखने मिल रहा है गुरमीत राम रहीम के रेप केस में. कोर्ट द्वारा गुरमीत राम रहीम दोषी बताए जाने के हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में हिंसा भड़क उठी है. हिंसा भड़कने पर पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली में से किसी ने शुरुआत में जनता से सीधे संवाद बनाने की कोशिश नहीं की. हालांकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने फैसले के 4 घंटे के बाद ट्वीट करके हिंसक घटनाओं की आलोचना की और शांति बनाने की अपील की.

वहीं राष्ट्रपति के ट्वीट करने के दो घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीन ट्वीट कर कहा कि वह हिंसक घटनाओं के बारे में जानकार काफी दुखी हैं और वह इसकी आलोचना करते हैं. वह एनएसए और गृह सचिव के साथ मिलकर मामले पर पूरी नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने अफसरों से अपील की है कि वह हालत को जल्द काबू में लाएं.

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देर से ट्वीट

2014 लोकसभा चुनाव और हरियाणा चुनाव के दौरान गुरमीत राम रहीम का साथ लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी पहले से ही आलोचना झेल रहे हैं. वहीं कोर्ट का फैसला आने के बाद भी पीएम मोदी की तरफ से देरी से ट्वीट आया.. इस वजह से कई लोग सोशल मीडिया पर एंटी मोदी स्टेटमेंट देते दिखाई दिए. पीएम मोदी वैसे तो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं. हालांकि विवादित मुद्दों पर उनकी दूरी का यह कोई पहला मामला नहीं हैं. गोरखपुर में बच्चों की मौत पर भी पीएम का ट्विटर वॉल शांत रहा था. इस मामले में ट्वीट करने से 15 घंटे पहले पीएम ने देशवासियों को गणेश चतुर्थी शुभकामनाएं दी थी. 

राजनाथ ने नहीं की बात

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से तो बात की, लेकिन उन्होंने जनता से सीधा संवाद करने की कोशिश नहीं की. उन्हें भी सोशल मीडिया पर एक्टिव माना जाता है. हालांकि इस बार उन्होंने लोगों को गणेश चतुर्थी की बधाई तो दी, लेकिन इस मामले में चुप्पी साध ली.

अरुण जेटली से थी उम्मीद

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पंजाब से ताल्लुक रखने की वजह से रक्षा मंत्री अरुण जेटली उम्मीद थी कि वह इस मामले में लोगों से शांति की अपील करेंगे या कम से कम लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाएंगे. हालांकि रक्षा मंत्री होने के बावजूद अरुण जेटली ने इस मामले में सेना के रोल या शांति बनाने के लिए सेना द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में कोइ्र बात नहीं की. अन्य केंद्रीय मंत्रीयों की तरह उनका सोशल मीडिया भी इस मुद्दे पर शांत दिखा. उन्होंने भी अंतिम ट्वीट गणेश चतुर्थी की शुभकामना देने वाला ही किया था.

 

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