भारत सरकार और इजरायल के बीच रोजगार को लेकर हुए समझौते के बाद हरियाणा में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है. भारत से दोस्ती की एक नई कड़ी में इजरायल ने 10 हजार से अधिक मजदूरों को नौकरी देने का प्रस्ताव दिया है. इसके लिए मोटी सैलरी देने की भी बात कही गई है. इस कड़ी में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है, जहां सैकड़ों कुशल निर्माण श्रमिक टेस्ट देने के लिए कतार में खड़े हैं.
दरअसल, आतंकी संगठन हमास के साथ चल रहे युद्ध के चलते इजराइल को निर्माण श्रमिकों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. कई सैन्य रिजर्व सैनिकों के अग्रिम मोर्चे पर वापस जाने और वेस्ट बैंक के साथ सीमाओं के बंद होने से भी रियल एस्टेट क्षेत्र में कुशल श्रमिकों का संकट पैदा हो गया है. इसके चलते इजरायल सरकार ने भारत से निर्माण श्रमिकों को काम पर रखने की पेशकश की है.
एक आवेदक गोविंद सिंह ने बताया, "मैंने इस अवसर के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. रजिस्ट्रेन के बाद, मैंने इस भर्ती अभियान का इंतजार किया. मैं एक राजमिस्त्री हूं और प्लास्टर के काम में एक्सपर्ट हूं. मुझे उम्मीद है कि इजरायली भर्तीकर्ता मेरी विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए मेरा चयन करेंगे."
इजरायली सरकार के अधिकारियों ने टेस्ट सेंटर में विभिन्न निर्माण संबंधी व्यवस्थाएं स्थापित की हैं जहां आवेदकों का लाइव डेमो अंतिम दौर के रूप में देखा गया है.
श्रमिकों की भर्ती में मदद कर रहे एक मैनेजर ने बताया, "वैकेंसी लोहे के काम, टाइल काटने और फिटिंग करने, लकड़ी के पैनल से संबंधित और प्लास्टर के काम के लिए हैं. उम्मीदवारों को विशेषज्ञों द्वारा उनकी स्किल्स की जांच के बाद ही शॉर्टलिस्ट किया जाएगा. प्रक्रिया को पारदर्शी रखा गया है और फाइनल राउंड में पहुंचने वाले आवेदकों को विशिष्ट पहचान संख्या दी गई है."