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दादा की सियासत से पोते की टक्कर, अजय बोले- INLD भाई को गिफ्ट, मेरा झंडा-डंडा अलग

अजय चौटाला ने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में हमारे सामने तीन विकल्प आए. पहला विकल्प इनेलो और चश्मे पर दावा करना, मगर यह लंबी प्रक्रिया थी. बैठक में उपस्थित नेताओं ने इसका विरोध किया. दूसरा विकल्प किसी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन करें तो इसका भी विरोध हुआ. उन्होंने नई पार्टी का गठन करने का विकल्प दिया तो सभी ने हाथ उठाकर समर्थन किया.

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दुष्यंत चौटाला (फोटो- dushyantchautala.com )
दुष्यंत चौटाला (फोटो- dushyantchautala.com )

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हरियाणा की राजनीति में लंबे वक्त तक एक अहम किरदार का रोल अदा करने वाले  पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की राजनीतिक विरासत का बंटवारा हो गया है. जींद में ओपी चौटाला के बड़े बेटे एवं पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला ने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया. हरियाणा की राजनीति में इस घटनाक्रम को अहम माना जा रहा है. इसी के साथ ही लोकसभा चुनाव-2019 में हरियाणा के जंग-ए-मैदान में दिलचस्प तस्वीरें देखने को मिलेंगी जब दादा की सियासत को पोते से टक्कर मिलेगी.

यहां ये बताना जरूरी है कि हरियाणा के शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी ओम प्रकाश चौटाला जेल में बंद हैं. अब उनकी राजनीतिक विरासत को उनके छोटे बेटे अभय चौटाला संभालेंगे. वही दूसरी ओर नयी पार्टी बनाने की घोषणा करने वाले अजय चौटाला भी इस मामले में दोषी हैं और 10 साल जेल की सजा काट रहे हैं. अजय चौटाला जिस नई पार्टी का गठन करने जा रहे हैं उसकी जिम्मेदारी उनके बेटे दुष्यंत चौटाला के कंधों पर होगी. इसकी घोषणा खुद अजय चौटाला ने शनिवार को की.

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भाई को गिफ्ट करते हैं INLD

पैरोल पर जेल से बाहर आए अजय चौटाला ने कहा कि वह इनेलो और चश्मा अपने अजीज बिल्लू (अभय चौटाला) को  "गिफ्ट" करते हैं. वह नई पार्टी बनाएंगे जिसका नया झंडा होगा और नया डंडा होगा. जींद में आगामी नौ दिसंबर को प्रदेश स्तरीय रैली की घोषणा करते हुए अजय चौटाला ने कहा कि इस दिन नई पार्टी की घोषणा वह इस रैली में करेंगे. इस बीच दुष्यंत चौटाला जन संपर्क अभियान चलाएंगे

अजय चौटाला ने कहा कि अब इस पार्टी की जिम्मेदारी उनके बेटे दुष्यंत चौटाला पर होगी. अजय चौटाला ने अपने भाषण में कहा, "मुझे 20 तारीख को वापस जेल में जाना है और आपको दुष्यंत सौंपकर जा रहा हूं, इसे संभालकर रखना, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि दुष्यंत कभी आपके मान-सम्मान को आंच नही आने देगा और आपके विश्वास को टूटने नहीं देगा, मेरा परिवार कार्यकर्ता के मान सम्मान के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ेगा." वहीं, हजारों समर्थकों की उत्साही भीड़ के बीच सांसद दुष्यंत चौटाला ने दादा ओमप्रकाश चौटाला को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि वह दादा को अपने इसी मंच पर लाने का काम करेंगे. अजय चौटाला जींद के हुडा ग्राउंड में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

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कार्यकर्ताओं ने किया नई पार्टी बनाने का फैसला

इससे पूर्व सफीदों रोड स्थित एक होटल में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें इनेलो के कई प्रदेश प्रकोष्ठों के पदाधिकारी, पूर्व विधायक और जिला अध्यक्ष और पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में सभी ने सामूहिक इस्तीफे सौंपते हुए नई पार्टी बनााने का प्रस्ताव मंजूर किया. जींद में आयोजित इस बैठक और कार्यकर्ता सम्मेलन में कार्यकर्ताओं का हूजूम उमड़ा.

अजय चौटाला ने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में हमारे सामने तीन विकल्प आए. पहला विकल्प इनेलो और चश्मे पर दावा करना, मगर यह लंबी प्रक्रिया थी. बैठक में उपस्थित नेताओं ने इसका विरोध किया. दूसरा विकल्प किसी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन करें तो इसका भी विरोध हुआ. उन्होंने नई पार्टी का गठन करने का विकल्प दिया तो सभी ने हाथ उठाकर समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद सभी पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफे सौंपे.

2 दिन बाद जेल जा रहे अभय

अजय चौटाला ने कहा, "मैं दो दिन बाद सारे इस्तीफे लेकर जेल जाऊंगा और वहां ओमप्रकाश चौटाला को सौंपूंगा और कहूंगा कि देखो इसे पार्टी कहते हैं." उन्होंने अपने छोटे भाई अभय चौटाला पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि चंडीगढ़ में बैठकर जो चार लोग फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, दस विधायकों को बंधुआ बनाकर चार फोटो खिंचवाई जा रही हैं, विधायकों को बंधुआ बनाने वाले ही पार्टी का नाश करने वाले हैं.

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अजय चौटाला ने कहा, "साजिश के तहत पहले तो दुष्यंत, दिग्विजय को पार्टी से बर्खास्त किया गया, फिर मुझे पार्टी से निकाला. हमारा क्या कसूर था, मैंने हमेशा पार्टी को खून पसीने से सींचा." उन्होंने कहा, "662 किलोमीटर की पद यात्रा ओमप्रकाश चौटाला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए की थी, न कि खुद मुख्यमंत्री बनने के लिए, प्राथमिकी में नाम न गवाही, फिर भी 10 साल की सजा काट रहा हूं, वो भी ओमप्रकाश चौटाला के लिए."

जनता में लोकप्रिय होना मेरा दोष- दुष्यंत

अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनका कसूर केवल यह था कि वे जनता के प्रिय हैं. जिस पार्टी से उन्हें निकाला गया, उसमें वापस लौटने को मन नहीं मान रहा है. उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष ठीक उसी तरह जारी रहेगा, जिस तरह वनवास के बाद भगवान राम और देश निकाले के बाद पांडवों ने जारी रखा था. अंत में जीत संघर्ष की होगी. जींद की बैठक में उपस्थित जिन पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की, उनमें प्रमुख रूप से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनंतराम तवंर, इनेलो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फूलवती देवी, इनेलो के राष्ट्रीय महासचिव बृज शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. केसी बांगड, राष्ट्रीय सचिव कंवर सिंह कलवाड़ी, पूर्व मंत्री जगदीश नैयर, पूर्व स्पीकर सतबीर कादियान आदि शामिल हैं.

इधर अजय चौटाला के छोटे भाई अभय चौटाला ने चंडीगढ़ में समानांतर बैठक की. बडे़ भाई ने अपने कार्यक्रम को पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक बताया तो दूसरे गुट ने इस कदम को गैर-कानूनी बताया. अभय चौटाला ने अपने बड़े भाई पर प्रहार करते हुए कहा कि पार्टी पर दावा करने वालों ने खुद ही पार्टी छोड़ दी. अजय चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाले में अपने पिता ओम प्रकाश चौटाला के साथ 2013 से 10 साल कैद की सजा का काट रहे हैं. फिलहाल वह दो सप्ताह के पैरोल पर जेल से बाहर हैं.

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