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रेयान स्कूल की लापरवाही ने ली थी एक और मासूम की जान

गुरुग्राम के कृष्णा नगर में रहने वाली मासूम जिया प्रतिदिन की तरह स्कूल बस से अपने घर वापस जा रही थी. उसकी मां भी हमेशा की तरह अपनी प्यारी बच्ची को लेने बस स्टॉप पर पहुंच कर इंतजार कर रही थी.

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रेयान स्कूल की लापरवाही ने ली थी एक और मासूम की जान
रेयान स्कूल की लापरवाही ने ली थी एक और मासूम की जान

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रेयान इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही पहले भी बरती जाती रही है. इसके चलते प्रद्युम्न की तरह एक और मासूम को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. यह घटना पिछले साल अप्रैल महीने में रेयान इंटरनेशनल के गुरुग्राम के सेक्टर-31 वाली ब्रांच में हुई थी.

गुरुग्राम के कृष्णा नगर में रहने वाली मासूम जिया प्रतिदिन की तरह स्कूल बस से अपने घर वापस जा रही थी. उसकी मां भी हमेशा की तरह अपनी प्यारी बच्ची को लेने बस स्टॉप पर पहुंच कर इंतजार कर रही थी. उस दिन बस में कोई कंडक्टर मौजूद नहीं था और बस का ड्राइवर भी दूसरे रास्ते से बस को लेकर रोड के दूसरे छोर पर कुछ दूरी पर जिया को उतार कर चल दिया.

अकेली जिया ने मां को देखकर रोड क्रोस करने की कोशिश की और उसी वक़्त दूसरी तरफ से आ रही गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी. बदहवास मां जैसे-तैसे बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंची और वहां जिया ने 9 दिनों तक अपनी ज़िंदगी की जंग लड़ी. फिर आखिर में जिंदगी की इस जंग में हार गई. परिवार ने बच्ची के इलाज में पैसे खर्च किया और उसके आरोपियों को सज़ा दिलाने के लिए हर जगह गुहार लगाई. लेकिन डेढ़ साल बीत गए न तो रेयान इंटरनेशनल पर कर्रवाई हुई, न ही रेयान इंटरनेशनल ने कोई सबक लिया.

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इस मामले में भी रेयान प्रशासन की भारी लापरवाही सामने आई थी और परिवार ने ये सवाल उठाए थे...

1- बिना कंडक्टर के स्कूल बस को क्यों चलाया जा रहा था?

2- प्राइमरी सेक्शन के बच्चों को अकेले सड़क पर छोड़ कर कैसे बस ड्राइवर वहां से चल दिया?

3- बस में मौजूद टीचर ने भी जिया को उसकी मां के आने तक बस वहीं रोकने की ज़िमेदारी क्यों नहीं समझी?

4- सबसे बड़ा सवाल यह है कि उस दिन बिना कंडक्टर के चल रही बस का ड्राइवर नए रूट से बस को क्यों ले जा रहा था?

5- नए रूट के चलते बस ने जिया को उसके रोजाना वाले स्टॉप की जगह रोड के दूसरे तरफ अकेले उतार दिया.

6- CBSC को जब परिवार ने मामले में संज्ञान लेने के लिए लेटर लिखा, तो जवाब में पता चला कि भोंडसी ब्रांच को छोड़कर किसी और ब्रांच को CBSC की मान्यता ही नहीं मिली है.

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