राजस्थान से गाय लेकर लखनऊ जा रहे दो लोगों पर पलवल में गौरक्षकों ने हमला कर दिया और पीट-पीट कर एक की हत्या कर दी. जबकि दूसरे शख्स को पीट-पीटकर बुरी तरह घायल कर दिया. इसके बाद आरोपियों ने लोगों लोगों को पास की नहर में फेंक दिया और मौके से फरार हो गए. घटना के आठ दिन बाद पुलिस ने मृतक का शव बरामद कर 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पीड़ित ने पुलिस पर गौरक्षकों को सौंपने का आरोप भी लगाया है.
घटना के बाद मंगलवार के पीड़ित बालकिशन ने मीडिया को बताया कि वह और संदीप राजस्थान के श्रीगंगानगर के रहने वाले हैं और 22 फरवरी की रात को श्रीगंगानगर से लखनऊ के लिए केएमपी हाईवे से जा रहे थे. तभी वह रास्ता भटक गए और उन्होंने रास्ते में खड़े हुए पुलिस वालों से लखनऊ जाने के लिए रास्ता पूछा तो पुलिस वालों ने उनकी गाड़ी की तलाशी ली. इसके बाद पुलिस ने उन्हें गौरक्षक दल के हवाले कर दिया.
'धारदार हथियार से किया वार'
पीड़ित के अनुसार, गौरक्षकों ने पहले तो उनके साथ बुरी तरह मारपीट की और फिर उन्हें दूसरी जगह ले गए, जहां उनके और साथियों ने मारपीट की. इसके बाद गौरक्षकों ने तेज धारदार हथियार से वार कर उन्हें नहर में फेंक दिया.
बालकिशन ने बताया कि वह किसी तरह वहां से अपनी जान बचाकर भागा और सोना पुलिस के पास पहुंचा. इसके बाद पुलिस ने उन्हें बताया कि ये मामला पलवल का है. इसके बाद उन्होंने पलवल पुलिस से शिकायत की.
बालकिशन ने बताया कि गौरक्षकों द्वारा की गई मारपीट में उसके साथी संदीप की मौत हो गई. पुलिस ने आठ दिन बाद उसकी डेड बॉडी नहर से बरामद की गई है.
5 आरोपी गिरफ्तार: पुलिस
इस मामले में पलवल डीएसपी मनोज वर्मा ने कहना है कि बालकिशन को सोना पुलिस लेकर आई थी. उसके काफी चोट लगी हुई थी. उसके बयान पर 11 आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें से पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और बचे हुए 6 आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि बालकिशन ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि पुलिस कर्मियों ने उन्हें गौ-रक्षकों के हवाले कर दिया तो डीएसपी ने कहा, 'पुलिस को जो शिकायत मिली है, उसमें इस तरह का कोई जिक्र नहीं है. लेकिन अगर ऐसा कोई मामला है तो उसकी जांच की जाएगी.