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America में जिस बेघर को कंबल और खाना दिया, उसी ने 50 हथौड़े मारकर की भारतीय छात्र की हत्या  

पंचकूला के खंड बरवाला के गांव भगवानपुर के रहने वाले 25 साल के विवेक सैनी की अमेरिका में हत्या कर दी गई. उसके परिवार ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनके बेटे ने जिसकी मदद की, उसी सीरियल किलर ने विवेक की हत्या कर दी. विवेक को 24 जनवरी को घर वापस आना था, लेकिन अमेरिका से उसकी लाश आई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

हरियाणा के पंचकूला का रहने वाला विवेक सैनी MBA की पढ़ाई के लिए दो साल पहले अमेरिका के जॉर्जिया गया था. इससे पहले कि वह सफल आदमी बन पाता, वहां उसकी नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई. नशे के आदी एक शख्स ने उसके मुंह पर हथौड़े से 50 वार करके उसकी जान ले ली.    

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परिवार के लोगों ने बताया कि अपनी पढ़ाई और अपनी फीस के खर्च को उठाने के लिए वह एक फूड मार्ट पर पार्ट टाइम काम करता था. विवेक के माता-पिता दोनों गांव में ही रहते हैं और खेती-बाड़ी का काम करते हैं. छोटा भाई शिवम सैनी भी गांव में ही रहता है और  खेती में अपने पिता की मदद करता है. जबकि विवेक की बड़ी बहन न्यूजीलैंड में रहती हैं.

24 जनवरी को भारत आने वाला था विवेक, लेकिन आया शव 

विवेक की हत्या अमेरिका के जॉर्जिया में 16 जनवरी रात 12:15 पर हुई. वारदात के कुछ ही देर बाद यानी रात 1:00 बजे उसे फूड मार्ट बंद करना था. तभी एक व्यक्ति ने उसके मुंह पर 50 हथौड़े मारे. इसकी वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. विवेक का परिवार मीडिया में कुछ नहीं कहना चाहता. उनका मानना है कि अगर वह कुछ कहेंगे, तो इससे उन्हें बार-बार उसकी याद आएगी. 

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परिवार का कहना है कि 16 जनवरी को विवेक के ही कजिन को उसकी मौत का पता लगा. उसने बताया कि  हैरानी की बात की है कि 24 जनवरी को विवेक ने अपने घर भारत आने की बात कही थी. मगर, वह वैसे नहीं आया, जैसे उसे आना चाहिए था. भारत वापस उसका शव आया. 

नशे का आदी नहीं, सीरियल किलर है आरोपी- परिजनों का दावा  

परिजनों का आरोप है कि खबरों में चल रहा है कि जिस व्यक्ति ने विवेक का कत्ल किया है, वह नशे का आदी है. ऐसा नहीं है. वह एक सीरियल किलर है. इससे पहले वह अपनी पत्नी और एक पुलिस ऑफिसर का भी कत्ल कर चुका है. वह 12 जनवरी को ही जेल से बाहर आया था.

विवेक ने खाना-कंबल दिया, बदले में उसने कर दी हत्या 

आरोपी तब से ही फूड मार्ट पर रह रहा था, जहां पर विवेक काम करता था. वहां पर ज्यादा बर्फ और ठंड होने के कारण विवेक ने उसे कंबल दिया. खाने के लिए खाना दिया, पानी दिया. मगर, 16 जनवरी को जब वह दोबारा से फूड मार्ट पर आया, तो हमलावर ने उसका कत्ल कर दिया.

परिजनों ने बताया कि विवेक न सिर्फ पढ़ाई में होनहार था, बल्कि नेक और मेहनती इंसान भी था. बड़ी बहन ने बताया कि विवेक हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे रहता था. विवेक सैनी ने अपनी दसवीं की पढ़ाई पंजाब के डेराबस्सी के DAV स्कूल से पूरी की थी. 

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विवेक ने चंडीगढ यूनिवर्सिटी से B -Tech कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद वह एमबीए के लिए अमेरिका गया था. विवेक ने अमेरिका की नॉर्थ अलबामा यूनिवर्सिटी से एमबीए के पढ़ाई हाल ही में पूरी की थी.

परिवार का कहना है कि बच्चे विदेश तो जा रहे हैं लेकिन उनकी सुरक्षा का जिम्मा कोई नहीं ले रहा है. न वहां की सरकार और न ही यहां की सरकार. वहां पर माइग्रेंट बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. हर दिन एक लाश विदेश से भारत आ रही है. आखिर क्या कारण है? इस बारे में शायद ही कोई सोच रहा होगा.

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