तीन कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन करीब 1 साल तक चला. इसके बाद सरकार ने तीनों कृषि कानून को रद्द कर दिया, तो किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर एक मांग पत्र रखा, जिस पर सरकार ने सहमति जताते हुए किसान आंदोलन को स्थगित करवा दिया था. मगर, किसान आंदोलन स्थगित होने के बाद अभी तक किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है.
इसको लेकर एक बार फिर किसान 13 फरवरी को दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं. सोनीपत में मंगलवार को किसान संगठनों ने किसानों के साथ मिलकर एक ट्रैक्टर मार्च निकाला. दिल्ली के जंतर मंतर पर अपनी मांगों को लेकर कैसे प्रदर्शन करना है, इसकी तैयारी वे कर रहे हैं.
दिल्ली कूच के लिए समर्थन जुटा रहे किसान संगठन
जैसे-जैसे 13 फरवरी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे एक बार फिर किसान आंदोलन की आहट देश में सुनाई दे रही है. इसको लेकर हरियाणा और पंजाब के किसान संगठन लगातार युद्धस्तर पर तैयारी कर रहे हैं. किसान संगठनों के नेता और कार्यकर्ता लगातार हरियाणा और पंजाब के अलग-अलग जिलों में बैठकर कर रहे हैं.
इसके साथ ही वे किसानों से दिल्ली कूच को लेकर समर्थन जुटा रहे हैं. दरअसल, किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने किसान संगठनों की कुछ मांगे लंबित रख दी थी, जिन पर अभी तक कोई विचार सरकार नहीं कर पाई है. इससे नाराज होकर किसान संगठन एक बार फिर जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की बात कह रहे हैं.
ट्रैक्टर मार्च की रिहर्सल, पक्का मोर्चा लगाने की धमकी
इसको लेकर सोनीपत में मंगलवार को किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ मिलकर एक ट्रैक्टर मार्च की रिहर्सल की. किसानों ने सरकार को संदेश दिया कि अगर उन्होंने लाठी चार्ज और गोली चलाकर किसानों के रास्ते रोका, तो किसान वहीं पर पक्का मोर्चे लगा देंगे. इसके साथ ही भाजपा सरकार के खिलाफ चुनाव में बड़ा रोष प्रदर्शन करेंगे.
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और किसान राज सिंह ने बताया कि 13 फरवरी को पंजाब और हरियाणा के किसान पंजाब से लगाती हुई तीन सीमाओं से हरियाणा के रास्ते दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने जाएंगे. अगर सरकार ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो वही पर पक्के मोर्चे लगा लेंगे.
8 सूत्रीय मांगे सरकार को दी, लेकिन नहीं हुई सुनवाई
किसानों का कहना है कि सरकार के सामने उन्होंने अपनी आठ सूत्रीय मांगों को मांग पत्र के जरिए भेज दिया है. मगर, अभी तक सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनसे बातचीत करने नहीं आया है. इन मांगों में एमएसपी गारंटी कानून और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी की बर्खास्तगी मुख्य मांग है.
इसको सरकार ने अभी तक नहीं माना है. हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि वो बेशक पहले की तरह बैरिकेडिंग कर ले, लेकिन किसान झुकने वाले नहीं हैं. हम लगातार किसान संगठनों का समर्थन जुटा रहे हैं.