हरियाणा के फतेहाबाद में बिश्नोई समाज के लोगों का धरना दूसरे दिन भी जारी है. ये लोग मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों के सामने चीतल-हिरणों को आहार के रूप में डालने के विरोध कर रहे हैं. मंगलवार को दूसरे दिन के धरने में लोगों की संख्या पिछले दिन के मुकाबले और ज्यादा दिखी.
बिश्नोई समाज और जीव प्रेमी लोगों ने 'आजतक' से बातचीत में कहा, "चीतों के भोजन के लिए हमें उनके सामने डाल दो. मगर, हम चीतल-हिरणों को चीतों का आहार नहीं बनने देंगे."
उन्होंने कहा, "जब तक चीतल-हिरणों को चीतों के सामने डालने का फैसला सरकार वापिस नहीं लेती, तब तक हम यहां धरने पर बैठे रहेंगे. अगर फैसला लेने में सरकार ने देरी की, तो हम अनशन भी शुरू करेंगे."
हिरणों को भी सुरक्षित रखने का प्रोजेक्ट लाए सरकार
अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कड़वासरा ने कहा, ''सरकार जिस तरह से चीतों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट लेकर आई है, उसी तरह हिरणों को भी सुरक्षित करने के लिए प्रोजेक्ट लाए. हम पिछले कई वर्षों से प्रयास कर रहे हैं कि राजस्थान, हरियाणा जैसे रिजर्व एरिया में हिरणों की प्रजाति विलुप्त हो रही है. वहां सरकार विशेष प्रोजेक्ट लाकर हिरणों की संख्या बढ़ाए.''
उन्होंने कहा, ''हरियाणा में काला हिरण राज्य पशु है. मगर, यहां सरकार काला हिरण के संरक्षण के लिए कभी गंभीर नहीं हुई. इसलिए हमारी मांग है कि कूनो पार्क में चीतों के सामने डाले गए चीतल-हिरणों को वापस लाया जाए और हिरणों के संरक्षण के लिए सरकार प्रोजेक्ट पास करे.''
मंगलवार को धरना प्रदर्शन कर रहे बिश्नोई समाज के लोगों और वन्य जीव प्रेमियों ने डीसी कार्यालय में पहुंचकर डीसी जगदीश शर्मा को ज्ञापन सौंपा. समाज के लोगों ने अनुरोध किया कि सरकार चीतों के संरक्षण के लिए अपने फैसले को बदले.