हरियाणा के फरीदाबाद में पुलिस टीम पर ही एक हत्या का केस दर्ज किया गया है. मृतक के परिजनों ने आरोप लगया है कि पुलिस ने फेक एनकाउंटर कर बबलू को गोली मारी थी. वहीं, पुलिस अपने बचाव में गोली चलाने की थ्योरी बता रही है. इससे गुस्साए परिजनों ने पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होने तक शव को नहीं उठाया.
दरअसल, पावटा गांव में रहने वाले बबलू के खिलाफ पुलिस में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. वो दो दिन पहले अपने दोस्तों के साथ राजस्थान में बाबा मोहन राम के मंदिर में दर्शन के लिए गया था. मगर, बाद में उन्हें सूचना मिली कि पुलिस ने उसे गोली मारी दी है, जिससे उसकी मौत हो गई.
इस खबर को सुनते ही परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई. इस मामले में पुलिस का कहना है कि बबलू ने पहले पुलिस टीम पर फायरिंग की थी. इसके बाद जवाबी फायरिंग में बबलू की गोली लगने के कारण मौत हो गई.
पुलिस पर FIR दर्ज होने के बाद परिजनों ने उठाया शव
परिजनों ने इस घटना का विरोध किया और दो दिनों तक शव को नहीं लिया. पंचायत द्वारा फैसला किया गया कि जब तक एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज नहीं करेगी. वो तब तक शव को नहीं उठाएंगे. इसके बाद पुलिस ने क्राइम ब्रांच के इंचार्ज राकेश कुमार और उनकी टीम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. फिर परिजन मृतक के शव को दाह संस्कार के लिए लेकर गए.
पुलिस इस मामले की गहराई से जांच में जुटी
इस मामले में बबलू के दोस्त अरविंद ने बताया कि पुलिस उनके पीछे लगी हुई थी. इस दौरान दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई और एक गोली बबलू को जा लगी. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है उसी के हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी.