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राम रहीम को रेप का दोषी करार देने वाले जज को दें पुख्ता सुरक्षा: केंद्र का निर्देश

दरअसल, सिंह ने डेरा प्रमुख को बलात्कार के एक मामले में दोषी करार दिया है. अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय जज की सुरक्षा सीआरपीएफ या सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय बल के हाथों में सौंपे जाने के विषय पर फैसला करने से पहले खुफिया सूचनाओं का विश्लेषण करेगा.

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बढ़ाई गई जज की सुरक्षा
बढ़ाई गई जज की सुरक्षा

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हरियाणा में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के समर्थकों द्वारा लगातार की जा रही हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार को जज जगदीप सिंह सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. जज जगदीप सिंह ने ही राम रहीम को रेप मामले में दोषी ठहराया है.

एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार से कहा कि खतरे की आशंका के मद्देनजर जज जगदीप सिंह को उच्चतम स्तर की सुरक्षा मुहैया की जानी चाहिए. दरअसल, सिंह ने डेरा प्रमुख को बलात्कार के एक मामले में दोषी करार दिया है. अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय जज की सुरक्षा सीआरपीएफ या सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय बल के हाथों में सौंपे जाने के विषय पर फैसला करने से पहले खुफिया सूचनाओं का विश्लेषण करेगा.

गौरतलब है कि मामले में डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद हरियाणा में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है जिनमें 30 लोग मारे गए हैं जबकि सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं.

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जज से पहले क्रिमनल लॉयर थे

डेरा प्रमुख राम रहीम की जिंदगी का फैसला सुनाने वाले जज जगदीप सिंह एडीजी स्तर के न्यायिक अधिकारी है. जगदीप सिंह 2012 में न्यायिक सेवा में आए थे. इससे पहले वह पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में क्रिमनल मामलों के वकील के रूप से सक्रिय थे. उन्होंने 2000 से लेकर 2012 तक अपराधिक मामलों के मुकदमे लड़ रहे थे.

2002 में मामला सामने आया

गौरतलब है कि 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान एक गुमनाम पत्र लिखकर डेरा प्रमुख राम रहीम पर एक साध्वी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. ये पत्र प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और हाईकोर्ट को भेजा गया था. हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लेकर कार्यवाही शुरू की और उसके बाद सीबीआई जांच शुरू हुई जिसकी परिणति आज फैसले के रूप में हो रही है.

 

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