scorecardresearch
 

मजदूर के बेटे को माइक्रोसॉफ्ट से 5 करोड़ के पैकेज का ऑफर

हरियाणा के एक छोटे से गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला एक छात्र आईआईटी में जाना चाहता था. उसने एंट्रेन्स टेस्ट भी पास किया लेकिन घर की तंगी हालत और गरीबी ने उसके सपने को पूरा होने नहीं दिया

Advertisement
X
वीरेंदर
वीरेंदर

हरियाणा के एक छोटे से गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला एक छात्र आईआईटी में जाना चाहता था. उसने एंट्रेन्स टेस्ट भी पास किया लेकिन घर की तंगी हालत और गरीबी ने उसके सपने को पूरा होने नहीं दिया. लेकिन जिसके अंदर हिम्मत होती है उसे कोई रोक नहीं सकता. हम बात कर रहे हैं एक युवक की जिसके पिता मजदूरी करते हैं और माता घर में लोगों के कपड़े सिलाई करके बच्चों का पेट पालती थी. लेकिन इस घर में अब दिवाली जैसा माहौल है एक मजदूर के बेटे को करीब पांच करोड़ का ऑफर दुनिया की जानी मानी आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से मिला है.

Advertisement

हरियाणा में कुरुक्षेत्र जिले के एक छोटे से गांव नीमवाला के एक घर में जश्न का माहौल है. घर के मुखिया मजदूरी करते हैं और इनकी पत्नी घर में ही लोगों के कपड़े सिलती है. घर में दो बच्चे हैं जो अब बड़े हो गए हैं. इनकी पढ़ाई लिखाई गांव के सरकारी स्कूल में ही हुई है.

सरकारी स्कूल से ही दसवीं की परीक्षा में पूरे जिले में पहला स्थान हासिल किया इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए पहले बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया, फिर अखबार बांटे. सपना आई आई टी में जाने का था और एंट्रेन्स टेस्ट भी पास किया लेकिन घर की तंगी हालत और गरीबी की वजह से इस सपने को बीच में ही छोड़ना पड़ा. इन्दिरा गांधी ओपन नेशनल यूनिवर्सिटी से बी टेक की पढ़ाई शुरू कर दी और यहीं पर वीरेन्द्र ने एक ऐसा एंटी हैकिंग सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया जिसे देखकर दुनिया भर के आईटी एक्सपर्ट भी देखकर हक्के बक्के रह गए.

Advertisement

आईटी दुनिया की प्रतिष्ठित कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने वीरेंदर को 4.85 करोड़ का ऑफर दिया है और कंपनी चाहती है की वीरेंदर जल्द से जल्द कम्पनी के साथ जुड़ें.

वीरेंदर की माता सिन्दर को याद है जब वीरेंदर गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ता था तब जिद करता था की उसे भी प्राइवेट स्कूलों वाली बस में जाना है, वीरेंदर को बिना बिजली के रात भर उसकी माता सिन्दर तीन तीन मोमबतियां लगा कर पढ़ाती थीं. पिता की दिहाड़ी की कमाई से अपने दो बच्चों को पढ़ाने के मां-बाप के जज्बे को देखकर विरेंदर का हौसला और भी बढ़ गया. उन्होंने भी अपना खर्च निकालने के लिए ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया, अखबार भी बांटा और यहां तक पढाई और अपनी बहन की फीस के लिए हाल में ही अपना लेपटॉप भी बेच डाला. लेकिन अपनी पढ़ाई में कभी किसी तरह की कमी नहीं आने दी लेकिन अब जो सफलता हासिल की है उस पर मां बाप और परिवार को नाज है.

वीरेंदर की मां सिन्दर कौर ने कहा, 'हमने बहुत गरीबी की हालत देखी है. मैं सिलाई का काम करती हूं इसके पिता जी मजदूर हैं लेकिन हम हमेशा से बस यही चाहते थे कि बस बच्चे अच्छे से पढ़ जाएं. इसके लिए हमें भी दुख सहने पड़े लेकिन अब बेटे ने जो नाम रोशन किया है उस पर गर्व है. हम आज भी पैसा नहीं चाहते हैं बस यही चाहते हैं की लोग हमें वीरेंदर के नाम से पहचाने.

Advertisement

ढाई साल में वीरेंदर ने एंटी हेकिंग सॉफ्टवेयर तैयार किया और माइक्रो सॉफ्ट को सितम्बर 2013 में ऑनलाइन इसका डेमो दिया था. इसके बाद 22 फरवरी को माइक्रोसॉफ्ट ने वीरेंदर को जॉब देते हुये आफर लेटर मेल किया था जिसमें उसको साइनिंग अमाउंट दो लाख डॉलर के साथ साथ माइक्रो सॉफ्ट के बीस हजार शेयर भी देने का ऑफर किया था लेकिन तब वीरेंदर ने इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया था बल्कि वीरेंदर माइक्रोसॉफ्ट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी अमेरिका में आगे पढ़ना चाहता था लेकिन अब माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने 4.85 करोड़ रुपये का सालाना पैकेज ऑफर किया है तो वीरेंदर इस ऑफर को ठुकराना नहीं चाहते हैं. बल्कि इस ऑफर के बाद वो एक नई शुरुआत करना चाहते हैं जिस हालत और दर को उन्होंने देखा और सहा है उसको कोई और न सहे कुछ ऐसा वीरेन्द्र करना चाहते हैं.

वीरेंदर ने कहा- हमें एक नई शुरुआत करनी है और वो मैं करूंगा मैं अपने देश के लिए ही काम करना चाहता हूं यहां टैलेन्ट की कोई कमी नहीं है, बस तलाशने और सुविधाएं देने की जरूरत है. आज आईटी के फील्ड में हम बहुत कुछ कर सकते हैं.'

Advertisement
Advertisement