संत रामपाल
की अदालत में पेशी नहीं होने पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि रामपाल को शुक्रवार तक अदालत में पेश किया जाए. हत्या के एक मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस को आज बाबा रामपाल को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था. लेकिन रामपाल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए फिर से मेडिकल सर्टिफिकेट का दांव चला. रामपाल की ओर से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में फिर से मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किया गया. रामपाल को आज एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
हरियाणा के डीजीपी और गृह सचिव भी आज हाई कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने कहा कि रामपाल ड्रामा कर रहा है और बचने के लिए महिलाओं और बच्चों को कवच की तरह इस्तेमाल कर रहा है. अब इस मामले की सुनवाई 21 नवंबर को होगी.
हरियाणा के हिसार में रामपाल के सतलोक आश्रम के बाहर अब भी तनाव की स्थिति बनी हुई है. हिसार के बरवाला में रामपाल के आश्रम के बाहर 30 हजार पुलिस के साथ सीआरपीएफ की टुकड़ी भी तैनात है. पुलिस को बाबा रामपाल की गिरफ्तारी से रोकने के लिए उनके समर्थकों ने घेरा बना लिया है. बाबा समर्थक महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे जवानों और बाबा रामपाल के बीच ढाल की तरह खड़े हैं.
पहले भी भेजा था सर्टिफिकेट
गिरफ्तारी से बचने के लिए रामपाल ने इससे पहले भी अदालत को अपना मेडिकल सर्टिफिकेट भिजवाया था जिसमें रामपाल के डॉक्टरों ने लिखा कि उन्हें 19 नवंबर तक बेड रेस्ट की जरुरत है और वो 19 नवंबर से पहले कोर्ट में हाजिर नहीं हो सकते. आपको बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बाबा रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया हुआ है.
आश्रम की सफाई
रामपाल के आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर ने कहा, 'संत रामपाल, अतीत में जब भी
जरूरत पड़ी है, अदालत के समक्ष पेश हुए हैं. हम कानून का पालन करने वाले
नागरिक हैं. अगर संत रामपाल बेहतर महसूस करते हैं, तो हम अदालत जाएंगे.
हमने उस विकल्प को खुला रखा है.' कहा ये भी जा रहा है कि संत की वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी कराई जा सकती है.