आरक्षण की मांग के लिए जाट समुदाय द्वारा फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी देने के बाद गुरुवार को अधिकारियों ने गुड़गांव में निषेधाज्ञा लागू करते हुए पांच या उससे अधिक लोगों के एक साथ एक जगह जमा होने पर रोक लगा दी. अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत लगाए गए प्रतिबंध के तहत किसी भी व्यक्ति को अपने साथ हथियार रखने की अनुमति नहीं होगी. यह निषेधाज्ञा 15 मई तक जारी रहेगी.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गुड़गांव में बड़ी संख्या में विदेशी और कॉरपोरेट अधिकारी रहते हैं. इसीलिए शहर में सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की जानी जरूरी है. इसके साथ ही नागरिक प्रशासन और पुलिस के बीच बेहतर सुरक्षा समन्वय की भी जरूरत है.
गुड़गांव के कमिश्नर टी. एल. सत्यप्रकाश ने बुधवार को शहर के विभिन्न स्थानों के लिए 23 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करने का आदेश जारी किया था. पिछले माह जाट आंदोलन के दौरान भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत करीब 1,000 लोगों को हिरासत में लिया गया था. लेकिन, किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया.
जाट समुदाय नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा है. हरियाणा सरकार ने समुदाय को विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) में शामिल करने के लिए स्वीकृति दे दी है. पिछले माह हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 लोग घायल हुए थे। इस हिंसक आंदोलन में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति नष्ट हो गई थी.
इनपुट..IANS.