लंबी जद्दोजहद के बाद सलाखों के पीछे गए रामपाल की बाबागीरी जेल में हवा होती नजर आ रही है. दरअसल, हरियाणा के सतलोक आश्रम में सदाचार व निडरता पर प्रवचन देने वाले रामपाल को जेल की चारदीवारी बेहद परेशान कर रही है. टूट गया रामपाल के 'राजलोक' का तिलिस्म
गुरुवार की रात जेल में रामपाल ने खाना एकदम नहीं खाया. उसने सिर्फ पानी पीकर ही रात काटी. सतलोक आश्रम के भीतर मखमली गद्दे पर सोने वाले रामपाल को जेल में एक पतली दरी मुहैया कराई गई. उसे रात को ठीक से नींद नहीं आई. करवटें बदलते हुए उसने रात काटी. सुबह-सुबह उसे एक प्याली चाय दी गई.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आश्रम के भीतर भारी तादाद में हथियारों की बरामदगी और अवमानना के केस में रामपाल को 28 नवंबर तक जेल भेजा है.
पुराना है रामपाल और जेल का रिश्ता
रामपाल पहली बार एक मर्डर केस में साल 2006 में जेल गया था. उसके बाद से वह तमाम तरकीबें निकलकर पुलिस और कानून के हाथों से बचता रहा. लेकिन इस बार रामपाल की नई नौटंकी के बाद अब उस पर 19 संगीन धाराएं लगाई गई हैं. इन धाराओं में उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा मुमकिन है. अदालती आदेश को चुनौती देते हुए रामपाल ने जो किया है, उसके बदले सजा-ए मौत तक हो सकती है. इसके अलावा आधी से ज्यादा संपति गंवानी पड़ सकती है.