हरियाणा के सोनीपत में युवती को डिजिटल अरेस्ट कर 6.85 लाख रुपये ठग लिए गए. इस मामले की शिकायत मिलने के बाद साइबर थाना पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने राजस्थान में दौसा स्थित लालसोट से नौ आरोपियों को पकड़ा है. ये सभी गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी से देशभर में ठगी के 95 मामलों व 2473 शिकायतों का खुलासा हुआ है. ये लोग 8.78 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं.
जानकारी के अनुसार, सोनीपत की महिला ने बीते 4 अक्टूबर को साइबर थाना पुलिस से मामले की शिकायत की थी. इसमें महिला ने कहा था कि डिजिटल अरेस्ट कर मुझसे 6.85 लाख की ठगी की गई है. एक अक्टूबर को वॉट्सएप पर वीडियो कॉल आया था, जिसमें दूसरी तरफ से बात कर रहा व्यक्ति पुलिस की वर्दी में था. उसके पीछे बोर्ड पर मुंबई पुलिस लिखा था. उसने कहा था कि आपके एसबीआई के क्रेडिट कार्ड पर बड़ी राशि बकाया है.
जब महिला ने कहा कि मेरे पास एसबीआई का क्रेडिट कार्ड नहीं है तो उसने कहा कि क्रेडिट कार्ड का गलत लेनदेन में प्रयोग हुआ है. उसने किसी अन्य से बात की थी, जिसे सीबीआई अधिकारी बताया था. तब कहा गया था कि आपको गिरफ्तार किया जाएगा. कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए रुपये जमा करवाने को कहा गया.
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महिला को डराया कि उनका नाम पूर्व बैंक प्रबंधक विनय के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले से जुड़ा है. यह भी डर दिखाया कि उनका मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है. इस मामले में एक बड़े नेता को जेल भेजा जा चुका है. इसके बाद महिला ने डर के चलते अलग-अलग खातों में 6.85 लाख रुपये जमा कराए. जब महिला को धोखाधड़ी का एहसास हुआ तो मामले की शिकायत साइबर थाने में की गई.
साइबर थाना पुलिस ने नौ आरोपियों को पकड़ लिया है. इनमें महाराष्ट्र के पेट सांगली निवासी मोशिन, गुजरात के सूरत के धर्मिष्ठा पार्क में रहने वाले विरानी विवेक, गुजरात के सूरत निवासी विनेश टांक, सूरत के शिव नगर सुदामा चौक निवासी आकाश गोयानी, सूरत के दस्तीपुरा बाजार निवासी बिल्ली मोरिया मोहम्मद अमन, यूपी के लखनऊ हसनगंज निवासी तुषार प्रताप, राजस्थान के जोधपुर के निवासी श्रवण उर्फ काकू, जोधपुर के निवासी मुकेश व प्रवीण चौधरी शामिल हैं. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से 3.36 लाख रुपये, 11 मोबाइल, डेबिट कार्ड व चेक बुक बरामद की है.
बसंत कुमार इंस्पेक्टर ने कहा कि जांच में सामने आया है कि आरोपियों के तार विदेश तक जुड़े हैं. राशि को कंबोडिया व ब्रिटेन तक भेजा जाता था. पुलिस अब मामले में पता लगाएगी कि वहां इनके तार किसके साथ जुड़े हैं. पुलिस का कहना है कि कोई आपको पुलिस या सीबीआई अधिकारी बनकर गिरफ्तार करने की धमकी देता है तो सबसे पहले अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को सूचित करना चाहिए. नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी शिकायत करनी चाहिए. इस बात से नहीं डरना चाहिए कि पुलिस आपके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी। साथ ही साइबर हेल्पलाइन नंबर-1930 डायल कर जानकारी देनी चाहिए.