हरियाणा के फरीदाबाद में खोरी गांव में अतिक्रमण हटाने को लेकर दिए गए अपने फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. यहां वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करके करीब 10 हजार परिवारों ने घर बनाए हुए हैं, सर्वोच्च अदालत ने इन घरों को हटाने का निर्देश दिया था.
अब सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण को हटाने के खिलाफ दायर नई याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम को निर्देश दिया है कि अदालत ने सात जून को जो आदेश दिया था, उसे लागू किया जाए. अपने आदेश में अदालत ने 6 हफ्ते के भीतर अवैध घरों को हटाने का निर्देश दिया था.
गुरुवार को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपके पास सवाल उठाने के लिए एक साल का वक्त था, तब आपने ऐसा क्यों नहीं किया. ना ही कोई ऐसे कागजात दिखाए गए, जिसमें पुनर्वास स्कीम की बात की गई है.
वकील द्वारा जब कोरोना संकट का जिक्र किया गया, तब अदालत ने कहा कि अगर आपने अपने कागजात सबमिट नहीं किए हैं तो आपकी दिक्कत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नगर निगम अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई जारी रख सकता है.
याचिकाकर्ता द्वारा तर्क दिया गया कि उन्हें पुनर्वास स्कीम के तहत अपने कागजात दिखाने का वक्त नहीं दिया गया है. जबकि निगम की ओर से कहा गया है कि फरवरी, 2020 में ही इस बात को लेकर नोटिस दिया जा चुका है.
गौरतलब है कि 7 जून को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम स्थानीय पुलिस की मदद से लोगों को समझाने में लगा हुआ है और इलाका खाली करने की अपील की जा रही है. इस दौरान स्थानीय लोगों ने सड़क पर जमकर हंगामा भी किया और पुलिस का विरोध किया.