सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जाटों को भी अन्य पिछड़े वर्ग में आरक्षण का लाभ देने की अधिसूचना के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने जाटों को अन्य पिछड़े वर्गों की श्रेणी में शामिल करने के निर्णय से संबंधित सारी सामग्री और फाइलें पेश करने का केंद्र को निर्देश दिया है. कोर्ट ने केंद्र से इस बारे में नौ अप्रैल तक अपना पक्ष दाखिल करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मसला बताते हुए इस मामले में अटॉर्नी जनरल की भी मदद मांगी है. सुप्रीम कोर्ट इस प्रकरण पर नौ अप्रैल को अब सुनवाई करेगा. केंद्र सरकार की ओर से हाल में जाटों को रिजर्वेशन देने का फैसला चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है.
मालूम हो कि देश के नौ राज्यों (बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और एनसीआर) में करीब नौ लाख जाट रहते हैं.