
हरियाणा के फरीदाबाद में आज यानी 02 फरवरी से 37वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की शुरुआत हो गई है, जो 18 फरवरी तक चलेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसका उद्घाटन करेंगी. इस बार मेले में कम से कम 20 देश और भारत के सभी राज्य भाग ले रहे हैं. इस बार मेले की थीम नॉर्थ गुजरात स्टेट पर है यानी आपको मेले में गुजराती कल्चर की छाप नजर आएगी और यहां के खास सामान देखने को मिलेंगे.
ये मेला देश ही बल्कि विदेशी लोगों में भी प्रचलित है. अलग-अलग देशों के लोग इसे देखने आते हैं. आइये मेले के स्थान से लेकर एंट्री के समय और टिकट के बारे में सबकुछ बताते हैं.
सूरजकुंड मेले से जुड़ी जानकारी
टिकट काउंटर पर सीनियर सिटिजन, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों को टिकट पर 50 प्रतिशत छूट मिलेगी. छात्राओं के लिए आई कार्ड दिखाने के बाद एंट्री फ्री मिलेगी. टिकट सुबह 10 बजे से टिकट मिलने शुरू होंगे और अंतिम टिकट रात आठ बजे दिया जाएगा. लोग बुक माय शो के माध्यम से भी टिकट बुक करा सकते हैं. वहीं, मेला परिसर के गेट पर टिकट काउंटर बनाए गए हैं.
बता दें कि अगर पर्यटकों की संख्या ज्यादा होगी, जो आमतौर पर छुट्टी वाले दिन या वीक एंड पर होता है तो ऐसी स्थिति में टिकटों की सेल रोक दी जाएगी, जिससे बहुत अधिक भीड़ ना हो और यहां आने वाले लोगों को असुविधा का सामना ना करना पड़े.
पार्किंग
सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे मेला
सूरजकुंड सड़क द्वारा दिल्ली, गुड़गांव और फ़रीदाबाद से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जहां तक स्वयं या किराए के वाहन से पहुंचा जा सकता है.
रोड मैप
बस से कैसे पहुंचे
मेले के लिए आईएसबीटी, शिवाजी स्टेडियम, गुड़गांव, फरीदाबाद और सूरजकुंड से बसें उपलब्ध हैं. बसों के जरिए आप आसानी से मेले तक पहुंच सकते हैं. यहां देखें बसों की लिस्ट.
ट्रेन से कैसे पहुंचें
मेले के लिए दिल्ली निकटतम रेलवे जंक्शन है. फ़रीदाबाद और गुड़गांव दोनों रेलवे लाइनों के माध्यम से दिल्ली से जुड़े हुए हैं. इनमें से प्रत्येक स्टेशन से कोई कार/कैब या पर्यटक कोच द्वारा सूरजकुंड तक यात्रा कर सकता है.
एयरपोर्ट से कैसे पहुंचें
निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली में है. सूरजकुंड इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 35 मिनट की ड्राइव और पालम हवाई अड्डे से 25 किलोमीटर की दूरी पर है.
सूरजकुंड शिल्प मेले का आयोजन पहली बार वर्ष 1987 में भारत हस्तशिल्प, हथकरघा, सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि एवं विविधता को एक मंच पर प्रदर्शित करने के उद्देश्य से किया गया था.