रेल मंत्री सुरेश प्रभु और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों के लिए नामांकन भरा. चूंकि 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास बहुमत है, और दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों की ओर से किसी नामांकन की संभावना नहीं है, इसीलिए दोनों ही केंद्रीय मंत्रियों के संसद के उच्च सदन के लिए निर्विरोध चुने जाने की संभावना है.
प्रभु और बीरेंद्र सिंह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, हरियाणा के अन्य मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ विधानसभा परिसर पहुंचे. प्रभु को हाल ही में नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल गिया गया है. मंत्री बनने से ठीक पहले ही प्रभु भाजपा में शामिल हुए थे। वह महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं और इससे पहले शिवसेना के सदस्य थे.
बीरेंद्र सिंह ने 42 साल तक कांग्रेस पार्टी में रहने के बाद इसी साल अगस्त में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था. उन्हें भी इसी महीने हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. सिंह ने इसी साल अगस्त में हरियाणा से अपनी राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. नियम के मुताबिक दोनों को मंत्रीपद की शपथ लेने के बाद छह महीने के भीतर संसद सदस्य चुना जाना अनिवार्य है.