रोहतक की बहनें-पूजा व आरती को 26 जनवरी पर सम्मानित करने के फैसले पर हरियाणा सरकार ने गुरुवार को रोक लगा दी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह कदम आरोपी लड़कों के परिजनों के साथ मुलाकात के बाद उठाया है. उन्होंने सीएम से गुहार लगाई थी कि वह कोई भी कदम जांच के बाद ही उठाएं, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. इसके अलावा सरकार ने उस बस के कंडक्टर और ड्राइवर को भी बहाल कर दिया है, जिन्हें घटना के सामने आने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था.
पूजा-आरती के साथ कथित छेड़छाड़ की घटना बीते शुक्रवार को हुई थी, जिसका वीडियो पिछले रविवार को सामने आया था. लड़कियों ने कुलदीप, मोहित और दीपक पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. इसके बाद तीनों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (हमला या महिला की गरिमा को नुकसान पहुंचाने की मंशा से आपराधिक बल प्रयोग) और धारा 323 (जानबूझकर नुकसान पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
कानून का डंडा उस बस के ड्राइवर-कंडक्टर भी चला, जिसमें मारपीट हुई थी. इतना ही नहीं, सेना ने पहले दौर की परीक्षा पास कर चुके आरोपी युवकों के आवेदन भी रद्द कर दिए. दूसरी ओर हरियाणा सरकार ने 26 जनवरी को दोनों बहनों का सम्मान करने की घोषणा भी कर दी थी, लेकिन मामले में नया मोड़ तब आ गया, जब रोहतक की बहनों का एक और वीडियो सामने आया. इस वीडियो में भी पूजा-आरती एक युवक को पीट रही थीं.
मारपीट का एक और वीडियो सामने आने के बाद उस बस के पैसेंजर भी सामने आए और उन्होंने दोनों लड़कियों के दावे को झूठा बताया. उन्होंने दावा किया कि मामला सीट को लेकर था, न कि छेड़छाड़ का. यहीं से सवाल उठने शुरू हुए और कहानी पूरी तरह पलट गई.
जानें, कब-कब क्या हुआ
- यह घटना 28 नवंबर को हुई जब दोनों बहनें अपने कॉलेज से घर लौट रहीं थीं
- मारपीट का वीडियो 30 नवंबर को राष्ट्रीय मीडिया में आया
- सेना ने 01 दिसंबर को आरोपियों के आवेदन रद्द कर दिए. वे पहले दौर की परीक्षा पास कर चुके थे
- 01 दिसंबर को ही हरियाणा सरकार ने लड़कियों को 31-31 हजार रुपये का इनाम देने और 26 जनवरी पर सम्मानित करने की घोषणा की
- पूजा-आरती का 02 दिसंबर को एक और वीडियो सामने आया, जिसमें वह पार्क में बैठे एक लड़के की पिटाई करती दिखीं
- घटना के वक्त बस में सवार यात्रियों ने 03 दिसंबर को गवाही दी और लड़कियों के दावे पर सवाल उठाए
- आरोपी युवकों के परिजनों से मिलने के बाद हरियाणा सरकार ने फैसला बदला और लड़कियों के सम्मान के फैसले पर रोक लगा दी. इसके साथ ही उस बस के ड्राइवर-कंडक्टर को भी बहाल कर दिया गया, जिसमें मारपीट हुई थी