हरियाणा के यमुनानगर में ईसाई धर्म को मानने वाली एक महिला को मरने के बाद दो गज जमीन भी नसीब नहीं हो सकी. शव को मजबूर होकर घर के आंगन में दफनाने जा रहे परिवार का लोगों ने घेराव किया, तो बाद में पंचायत की ओर से उपलब्ध कराई गई जमीन पर दफनाने के दौरान पड़ोसी गांव के लोगों ने हंगामा कर दिया. अंत में मजबूर परिजन महिला का शव लेकर कहीं और चले गए.
बताया जा रहा है कि गांव में ईसाई समुदाय के लिए कब्र की जमीन नहीं है. ईसाई धर्म को मानने वाली एक बुजुर्ग महिला का निधन होने पर चंडीगढ़ में रहने वाली उसकी बेटियां पहुंचीं. बेटियों ने कब्र के लिए जमीन नहीं होने के कारण शव को घर के आंगन में ही दफनाने का निर्णय लिया. इसके लिए कब्र भी खुदवा दी. कब्र की खुदाई पर पास-पड़ोस के लोग मौके पर पहुंच गए और इसका विरोध करते हुए परिजनों का घेराव कर दिया.
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इसकी सूचना पाकर मौके पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी पहुंच गए. अधिकारियों ने किसी तरह लोगों को शांत कराया और हस्तक्षेप कर पंचायत की तरफ से कब्र के लिए जमीन दिलवाई. ग्राम पंचायत की ओर से मिली जमीन पर पहुंचकर परिजन शव दफनाने लगे, तो पड़ोसी गांव के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया.
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शव लेकर इधर-उधर भटकते परिजन वहां भी हंगामा होने पर आजिज आकर शव लेकर जगधारी चले गए. पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप करने के बाद भी महिला को दफन करने के लिए यमुनानगर में दो गज जमीन उपलब्ध नहीं हो सकी. यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है.
(यमुनानगर से आशीष शर्मा का इनपुट)