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हिमाचल में तबाही बनकर बरस रहा मानसून, 150 लोगों की मौत और 1265 करोड़ का हो चुका नुकसान

हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार तबाही बनकर बरस रहा है. 27 जून से मानसून की शुरुआत होने के बाद भारी बारिश और उसकी वजह से अलग-अलह हादसों में अब तक डेढ़ सौ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1200 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ है. बारिश की वजह से 40 सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और कई बिजली परियोजनाओं को भी भारी नुकसान पहुंचा है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून भारी तबाही लेकर आया है. अधिकारियों ने बताया कि 27 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में राज्य के कुल 150 लोगों की मौत हो चुकी है.

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राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, बारिश के कारण हुई तबाही से राज्य को 1,265 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मानसून की वजह से भारी बारिश के कारण चालीस सड़कें, मंडी में 12, कांगड़ा में दस, कुल्लू में नौ, शिमला में पांच, और ऊना, सिरमौर, चंबा और लाहौल और स्पीति में एक-एक सड़के क्षतिग्रस्त हो गई हैं. इस वजह से इन्हें यातायात के लिए बंद करना पड़ा है. वहीं पांच बिजली और 19 जल आपूर्ति उपक्रम भी बंद हैं.

स्थानीय मौसम कार्यालय ने शनिवार तक मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी दी है, और 2 सितंबर को भारी बारिश, तूफान और बिजली गिरने की आशंका जताते हुए 'येलो अलर्ट' जारी किया है.

गुरुवार शाम से अब तक 24 घंटों में राज्य के कई स्थानों पर मध्यम बारिश हुई है. सबसे अधिक वर्षा नैनादेवी में 66.8 मिमी हुई है जबकि सुंदरनगर में 47.1 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 22.8 मिमी, भराड़ी में 16.2 मिमी, शिमला में 16 मिमी, बिलासपुर में 15.8 मिमी, मनाली में 15 मिमी, ऊना में 13 मिमी, धर्मशाला में 12 मिमी और कांगड़ा में 10.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है.

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हिमाचल में अब तक बारिश की कमी 23 फीसदी यानी 467.9 मिमी है, जबकि औसत 608.7 मिमी है. गुरुवार को लाहौल और स्पीति का कुकुमसेरी राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि बिलासपुर 33.9 डिग्री के साथ सबसे गर्म स्थान रहा.


 

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