व्यापम घोटाला मामले पर सवाल उठाकर बीजेपी सांसद शांता कुमार ने आलाकमान की नाराजगी मोल ले ली है. सूत्र बता रहे हैं कि अमित शाह को लिखी उनकी चिट्ठी लीक होने से पार्टी के शीर्ष नेता खफा हैं.
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने शांता कुमार से बात की और मीडिया से बात न करने को कहा. इससे पहले 'आज तक' से बातचीत में शांता कुमार ने कहा, 'हां मैंने अमित शाह को चिट्ठी लिखी है और मैं अपनी बात पर कायम हूं. मैं जनसंघ के समय से बीजेपी में हूं.'
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इस बारे में चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने लिखा कि व्यापम घोटाले से एनडीए सरकार की छवि को धक्का लगा है और 'हम सब का सिर शर्म से झुक गया है.'
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पार्टी अध्यक्ष को ऐसी कोई चिट्ठी मिली है या नहीं, लेकिन हो सकता है कि वह भी प्रोपेगेंडा के प्रभाव में आ गए हैं. उन्होंने कहा, 'यह निजी मामला है और पार्टी हमेशा विचार करती है.'
शांता कुमार ने अपनी चिट्ठी में वसुंधरा राजे या पंकजा मुंडे का नाम लिए बिना राजस्थान और महाराष्ट्र की घटनाओं का भी जिक्र किया और सरकार में शामिल नेताओं पर निगरानी के लिए लोकपाल की तर्ज पर एक 'आचार समिति' बनाने की मांग की.
'निराश-हताश होना स्वाभाविक'
उन्होंने चिट्ठी में लिखा है, 'आज अखबार और समाचार चैनल जिस तरह की कहानियां लिख रहे हैं, सुना रहे हैं, उससे किसी भी भारतीय का निराश-हताश होना स्वाभाविक है. भाजपा का कार्यकर्ता तो सिर झुकाकर चल रहा है.'
उन्होंने लिखा, 'बड़ी शान से हमारी सरकार बनी. पहला साल पूरे होने पर हम अपनी उपलब्धियों का जश्न मना ही रहे थे कि अचानक एक ग्रहण सा लग गया. राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक हम पर उंगलियां उठने लगीं.'
CBI के हवाले है जांच
गौरतलब है कि व्यापम घोटाला केस से जुड़े लोगों की सिलसिलेवार मौतों के बाद मामले ने जोर पकड़ा. 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने व्यापम की भर्तियों, इससे जुड़े आपराधिक मामलों और कम से कम 25 आरोपियों की संदिग्ध मौत के सीबीआई जांच के आदेश दिए. मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में कई बीजेपी नेताओं समेत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दामन पर भी आरोपों के छींटे हैं.