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'क्रॉस वोट करने वाले मेरे प्रस्तावक थे', राज्यसभा चुनाव में हार के बाद छलका सिंघवी का दर्द

बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी जीत नहीं सके. कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों की क्रॉस वोटिंग से दोनों पार्टियों को 34-34 वोट मिले. कांग्रेस-बीजेपी के बीच टाई होने पर पर्ची से ड्रॉ निकाला गया, लेकिन कांग्रेस इसमें हार गई और बीजेपी के हर्ष महाजन ये चुनाव फतह कर गए.

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कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (फाइल फोटो)

हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी कार का सामना करना पड़ा. बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी जीत नहीं सके. कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों की क्रॉस वोटिंग से दोनों पार्टियों को 34-34 वोट मिले. कांग्रेस-बीजेपी के बीच टाई होने पर पर्ची से ड्रॉ निकाला गया, लेकिन कांग्रेस इसमें हार गई और बीजेपी के हर्ष महाजन ये चुनाव फतह कर गए. 

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चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी का दर्द भी छलका. उन्होंने शाम को सीएम सुक्खू के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की. इसमें सिंघवी ने कहा कि मैं कांग्रेस की पूरी लीडरशिप का धन्यवाद देना चाहता हूं. उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और उम्मीदवार बनाया. उन 9 विधायकों का भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जो कल साथ बैठे थे. उनमें से आज तीन हमारे साथ सुबह नाश्ते पर बैठे थे. इन 9 विधायकों में से कई थे, जिन्होंने मेरा नाम प्रस्तावित किया और मेरे नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए. उनसे मुझे शिक्षा मिली है. 

कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं हर्ष महाजन (बीजेपी उम्मीदवार) को बधाई देना चाहता हूं. उनकी पार्टी को एक बात कहना चाहूंगा कि वह अपने गिरेबान में झांककर देखे. मैं एक सिद्धांत की बात कर रहा हूं. जब भी 25 विधायक वाली पार्टी 43 विधायकों वाली पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करती है तो उसका एक ही संदेश हो सकता है. वो संदेश है कि हम बेशर्मी से वो करेंगे कानून में जिसकी अनुमति नहीं है. ये बदलाव बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है हिमाचल और इसके लोगों के लिए.

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उन्होंने कहा कि अगर यह नए भारत की संस्कृति है, तो वह पुराने भारत का हिस्सा बनना चाहूंगा. हमने हारते-हारते भी इतिहास बनाया है, क्योंकि इतनी जद्दोजहद के बाद और विधायकों के मन बदलने के बाद भी ये एक और विधायक का मन नहीं बदल सके, इसलिए 34-34 का आंकड़ा हुआ. 

कांग्रेस नेता ने कहा कि आमतौर पर ड्रॉ में जो नाम निकाला जाता है, वह विजेता का होता है, लेकिन चुनाव आयोग के अजीब नियम के तहत, जिसके बारे में मुझे मंगलवार को ही पता चला कि जिस उम्मीदवार का नाम ड्रॉ में निकला, जो कि मेरा था, वो हारने वाले का होगा.

उधर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीजेपी की आलोचना की और कहा कि संसद के उच्च सदन के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह कांग्रेस विधायक विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़कर विजयी हुए हैं और उनका बदलाव सिद्धांतों या नीतियों के कारण नहीं है. लेकिन अन्य कारणों से जिन्हें आप बेहतर जानते हैं.

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