हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की पहले सत्ता गई अब बारी है चैन-ओ-आराम जाने की. उनके खिलाफ खतरे की घंटी बजनी शुरू हो गई है. मामला उनके कार्यकाल में थोक के भाव में फोन टेपिंग का है जिसमें उनकी संलिप्तता की बात कही जा रही है.
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने आप को आरोप से मुक्त नहीं बता सकते. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बीजेपी सरकार में 1,000 से ज्यादा फोन टेप किए गए.
अपनी स्थिति साफ करते हुए धूमल ने बताया, ‘फोन टेप करने की मंजूरी गृह विभाग ने दी थी. मुख्यमंत्री कार्यालय का उससे कुछ लेना-देना नहीं था.’ वीरभद्र सिंह ने कहा कि धूमल गृह मंत्री भी थे इसलिए वे कैसे जिम्मेदारी से बच सकते हैं. वे कैसे कह सकते हैं कि उन्हें फोन टेपिंग की जानकारी नहीं थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले मे संलिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा, चाहे वह किसी भी ओहदे पर हो. 'निजता के अधिकार' का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.