हिमाचल प्रदेश ने विधानसभा के एक विशेष सत्र में शनिवार को राज्य वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. वित्त मंत्रालय का भी प्रभार रखने वाले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सदन में विधेयक पेश किया, जिसका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समर्थन किया. राज्य में भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी है.
सत्र के दूसरे दिन एक घंटे तक चली चर्चा के बाद विधेयक को पारित किया गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी राज्य के साथ ही देश में अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को सरल तथा सुसंगत करेगी.
हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि जीएसटी अर्थव्यवस्था में उत्पादन की लागत तथा महंगाई को कम करेगी, जिसके कारण व्यापार और उद्योग अपने देश के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे.
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि, कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार जीएसटी विधेयक लाई थी.
आम आदमी को होगी सहूलियत
विपक्ष के नेता तथा राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि, जीएसटी उपभोक्ताओं के अनुकूल अधिनियम है और स्वतंत्र भारत में अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार है. उन्होंने ये भी कहा कि, गेहूं तथा चावल जैसे मुख्य खाद्य पदार्थो को जीएसटी के दायरे से अलग रखा गया है, जिससे आम आदमी को सहूलियत होगी.