हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया, ताकि वे एक व्यवसायी की जान को खतरे की शिकायत की जांच को प्रभावित न कर सकें.
पालमपुर के व्यवसायी निशांत शर्मा ने अपनी शिकायत में उन्हें, उनके परिवार और संपत्ति को खतरे का आरोप लगाया है. शर्मा ने डीजीपी की भूमिका पर भी सवाल उठाया था, जिन्होंने कथित तौर पर उन्हें फोन करके शिमला आने के लिए कहा था.
मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की पीठ ने कहा, ‘‘उन्हें अन्य पदों पर स्थानांतरित करें, जहां उन्हें मामले में जांच को प्रभावित करने का कोई अवसर नहीं मिलेगा.’’
आदेश में कहा गया है, ‘‘इस मामले में अब तक हमारे पास उपलब्ध सामग्री के आलोक में, हम संतुष्ट हैं कि मामले में हस्तक्षेप करने के लिए असाधारण परिस्थितियां मौजूद हैं, खासकर तब जब प्रतिवादी गृह सचिव ने उक्त सामग्री पर आंखें मूंद लीं.’’