हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में ब्यास नदी में बह गए 24 में से पांच छात्रों के शव बरामद कर लिए गए हैं. अभी तक 19 छात्र-छात्राओं के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. ये छात्र-छात्राएं पनबिजली परियोजना के लिए नदी में छोड़े गए पानी से अचानक आई बाढ़ में बह गए थे. उप अतिरिक्त जिलाधिकारी पंकज राय ने बताया कि रविवार को हुए हादसे में मरने वालों की संख्या पांच हो गई है.
राय ने बताया कि शव पंडोह बांध से बरामद किया गया है, जिसका द्वार दुर्घटना के बाद बंद कर दिया गया था. बांध दुर्घटनास्थल से 15 किलोमीटर दूर है. अधिकारियों ने बताया कि हैदराबाद के वी.एन.आर.विग्नाना ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के 24 छात्र-छात्राएं रविवार को व्यास नदी की तेज लहर में बह गए. अधिकारी के मुताबिक इनके बचने की संभावना काफी कम है.
इस संस्थान के 60 से अधिक छात्र-छात्राएं व शिक्षक मनाली के मनोरम दृश्यों को देखने आए थे. कुछ लोग हंगोई माता मंदिर के नजदीक थलौत इलाके में नदी के किनारे फोटो खिंचवा रहे थे, तभी नदी की लहर तेज हो गई और उन्हें बहा ले गई.
नजदीकी पनबिजली परियोजना से बिना किसी तरह की चेतावनी जारी किए नदी में पानी छोड़ देने की वजह से जलस्तर बढ़ गया था. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने राहत कार्य का जायजा लिया. सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि वीरभद्र ने प्रमंडलीय आयुक्त ओंकार शर्मा को पानी को बिना चेतावनी छोड़े जाने की जांच कराने के आदेश दिए हैं.
इंजीनियर के निलंबन के आदेश
वीरभद्र ने राज्य विद्युत बोर्ड की 126 मेगावॉट लार्जी पनबिजली परियोजना के रेजिडेंट इंजीनियर के निलंबन के आदेश दिए हैं. घटना के संबंध में लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कमांडेंट जयदीप सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) की टीम भी दोपहर तक घटनास्थल पर पहुंचेगी.
एनडीआरएफ की टीम में 72 लोग मौजूद हैं, जो दिल्ली से रवाना हो चुके हैं.
हेल्पलाइन नंबर जारी
हिमाचल प्रदेश ने 24 छात्र-छात्राओं के ब्यास नदी में बह जाने की घटना के बाद एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है. प्रवक्ता ने बताया कि मंडी शहर में पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से हेल्पलाइन नंबर (01905-223374) की शुरुआत की गई है.
अभिभावक कॉलेज से मांग रहे जानकारी
छात्रों के बह जाने की खबर से स्तब्ध उनके अभिभावक यहां बचुपल्ली स्थित निजी इंजीनियरिंग कॉलेज पहुंच कर अपने परिजन के बारे में जानकारी मांग रहे हैं. अभिभावकों और रिश्तेदारों ने शिकायत की कि उन्हें कॉलेज के प्रबंधन से हादसे के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है. उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को टूर पर ले जाने से पहले उनकी अनुमति नहीं ली. इस दौरे में गए एक छात्र रामबाबू के पिता आर नाइक ने कहा कि उन्हें रात को नदी के समीप क्यों ले जाया गया? क्यों किसी ने हमें सूचना नहीं दी? क्या अभिभावकों को इस बारे में बताया गया था? उन्होंने प्रत्येक छात्र से 15,000 रुपये लिए थे. नलगोंडा जिले में रहने वाले नाइक ने बताया कि मैंने आखिरी बार 5 जून को अपने बेटे से बात की थी. उसकी परीक्षा 2 जून को खत्म हुई थी और उसने बताया था कि कॉलेज प्रबंधन उन लोगों को टूर पर ले जा रहा है.
ईरानी ने हिमाचल के शिक्षा मंत्री से की बात
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कहा कि मंडी जिले में इंजीनियरिंग के लगभग छात्रों के बह जाने की बाबत उन्होंने हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री से बात की है. ईरानी ने एक ट्वीट में कहा कि मंडी के निकट छात्रों के बह जाने की दुखद घटना के संबंध में हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री (श्री) बाली से बातचीत की. साथ ही कॉलेज के संकाय के सदस्य से भी संपर्क किया, जो घटना के वक्त दुर्घटनास्थल पर मौजूद थे. मंडी सदर के तहसीलदार द्वारा आश्वासन दिया गया कि चिकित्सा सहायता प्रदान दी गई है.
Spoke to Minister of Education Himachal Pradesh Shri Bali re the tragic incident of 24 engineering students feared washed away near Mandi.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) June 8, 2014
नायडू ने दिल्ली बात की
दूसरी ओर रविवार को ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले चंद्रबाबू नायडू ने ट्विटर पर जानकारी दी कि उन्होंने इस संदर्भ में दिल्ली बात की है और सभी जरूरी कदम उठाने के साथ ही पीड़ित परिवार को मदद करने की बात कही है.
Directed AP Resident Commissioner in Delhi to take all necessary steps in providing help to victims families & speed up search operations.
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) June 8, 2014
तेलंगाना के गृह मंत्री हिमाचल रवाना
तेलंगाना के गृह मंत्री एन. नरसिम्हा रेड्डी नदी में अचानक आई बाढ़ में बहे छात्रों के बचाव और राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हो गए हैं. मंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं. दिल्ली से वह हवाई जहाज से कुल्लू पहुंचेंगे और खुद राहत और बचाव कार्यों का जायजा लेंगे.