हिमाचल प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता कानून और भी सख्त हो गया है. अब राज्य में जबरन या किसी तरह के लालच में सामूहिक धर्म परिवर्तन करना अपराध की श्रेणी में आएगा. ऐसा करने पर 10 साल तक की जेल और 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शनिवार को 'द फ्रीडम ऑफ रिलिजन (संशोधित)' बिल पारित किया गया है. जिसमें सजा को और भी सख्त कर दिया गया है. सरकार ने विधानसभा से ठीक पहले इस कानून में संशोधन किया है.
Himachal Pradesh Assembly passes the Freedom of Religion (Amendment) Bill 2022
— ANI (@ANI) August 13, 2022
The bill has been brought to curb illegal religious conversions in Himachal Pradesh and proposes a higher jail term of up to 10 years and a fine of up to Rs 2 lakh.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया, "हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. अगर कोई खुद से धर्मांतरण करना चाहता है तो उसके अलग-अलग तरीके हैं, लेकिन अगर यह उन्हें धोखा देकर कराया जा रहा है तो ये गलत है. हमें लगा कि कानून को और सख्त बनाने की जरूरत है. मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में परिणाम अच्छे होंगे."
बता दें कि हिमाचल में जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में विधेयक पेश किया था. यह हिमाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2019 का और भी कठोर वर्जन है, जिसे करीब 18 महीने पहले ही लागू किया गया है. 2019 अधिनियम को विधानसभा में पारित होने के 15 महीने बाद 21 दिसंबर, 2020 को अधिसूचित किया गया था. 2019 में लाए गए अधिनियम ने 2006 के कानून को बदल दिया था, जिसमें धर्मांतरण पर कम दंड का प्रावधान था.