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हिमाचल प्रदेश: 16 अप्रैल को दिल्ली-ऊना जनशताब्दी पर होगा किसानों का कब्जा, कोर्ट का आदेश

हिमाचल प्रदेश की एक कोर्ट ने भारतीय रेलवे को आदेश दिया है कि वो ऊना जिले के दो किसानों को 35 लाख रुपये मुआवजा दे. अगर 15 अप्रैल तक ये रकम अदा नहीं की गई तो 16 अप्रैल को दिल्ली-ऊना जनशताब्दी एक्सप्रेस पर दोनों किसानों का कब्जा होगा.

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DELHI-UNA JANSHATABDI EXPRESS
DELHI-UNA JANSHATABDI EXPRESS

हिमाचल प्रदेश की एक कोर्ट ने भारतीय रेलवे को आदेश दिया है कि वो ऊना जिले के दो किसानों को 35 लाख रुपये मुआवजा दे. अगर 15 अप्रैल तक ये रकम अदा नहीं की गई तो 16 अप्रैल को दिल्ली-ऊना जनशताब्दी एक्सप्रेस पर दोनों किसानों का कब्जा होगा.

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कोर्ट के आदेश के अनुसार रेलवे को मेलाराम को 8.91 लाख रुपये और मदनलाल को 26.53 लाख रुपये देने हैं. बुधवार तक ये राशि किसानों को नहीं मिली तो गुरुवार सुबह 5 बजे ऊना रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को कुर्क कर लिया जाएगा.

कोर्ट ने क्यों दिया ये ऐतिहासिक फैसला?
दरअसल, मामला मुआवजे से जुड़ा हुआ है. रेलवे ने ऊना से चुरूडू सेक्शन के बीच रेल लाइन बिछाने के लिए किसानों की जमीन ली थी. हालांकि रेलवे ने किसानों को मुआवजा दिया. लेकिन मेलाराम और मदनलाल का दावा था कि उन्हें कम पैसे मिले. रेलवे ने जब बात नहीं मानी तो 2011 में दोनों ने कोर्ट में अर्जी लगा दी. वहां दोनों किसान जीत गए.

अदालत ने रेलवे से मेलाराम को 8.91 लाख और मदनलाल को 25.54 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा देने के निर्देश दिए. रेलवे ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दे दी. हाईकोर्ट ने स्टे तो दिया पर रेलवे को तीन महीने के अंदर मुआवजे की रकम कोर्ट में जमा करने के निर्देश भी दिए.

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रेलवे ने फिर भी पैसे जमा नहीं कराए. इसके बाद हाईकोर्ट ने स्टे खारिज कर दिया और किसानों से कहा कि वो पैसे की वसूली के लिए निचली अदालत में अपील कर सकते हैं. लोअर कोर्ट ने मेलाराम और मदनलाल के पक्ष में फैसला किया.

क्या सरकार किसानों की जमीन लेने के बाद उन्हें वाजीब और वक्त पर मुआवजा देती है?

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