हिमाचल प्रदेश को तीन दिन तक हुई मूसलाधार बारिश ने तबाह कर दिया है. वहां ऐसी आसमानी बारिश हुई कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने मांग करनी पड़ी गई. बारिश से हिमाचल को करीब 1050 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस आपदा में अब तक कुल 80 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 92 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए हैं. इनमें से 13 शव तो बुधवार को ही मिले हैं. वहीं 79 घर पूरी तरीके से तबाह हो गए, जबकि 333 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अब तक 41 जगह लैंडस्लाइड हुई हैं, जबकि 29 फ्लैश फ्लड की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. भारी बारिश से सड़कों के ब्लॉक होने जाने से हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने HPAS का 23 जुलाई को होने वाली परीक्षा रद्द कर दी है. आइए 10 तस्वीरों में देखें कि बारिश ने हिमाचल को कितना नुकसान पहुंचाया है.
हिमाचल प्रदेश डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक मंगलवार शाम तक प्रदेश भर में 1299 सड़कें बंद हैं. इसके अलावा नेशनल हाईवे 21 मंडी-कुल्लू, नेशनल हाईवे 505 ग्रम्फू-लोसर, नेशनल हाईवे 03 कुल्लू-मनाली और नेशनल हाईवे 707 शिलाई पर आवाजाही ठप हो गई है. भारी बारिश के कारण हिमाचल सड़क परिवहन निगम के 876 बस मार्ग प्रभावित हैं. वहीं 403 बसें कई जगहों पर फंस गई हैं.
सीएम सुक्खू ने कुल्लू का हवाई सर्वेक्षण किया था. सर्वे करने के बाद उन्होंने कहा था कि ऐसी बारिश हिमाचल में पिछले 50 साल में नहीं हुई है. हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मॉनसून आया था. उन्होंने बताया था कि इस वक्त कई राज्यों के पर्यटक कुल्लू, मनाली और अन्य स्थानों पर हैं, सभी सुरक्षित हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बारिश से अब तक जल शक्ति विभाग को 350.50 करोड़, पीडब्ल्यूडी को 616.08 करोड़, हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट को 70.36 करोड़ और अर्बन डिपार्टमेंट को 3.15 करोड़ का नुकसान हुआ है.
हिमाचल प्रदेश में 4 हजार 686 बिजली सुविधा और 785 जहगों पर पेयजल योजनाएं बाधित हो गई हैं. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने पिछले दिनों बताया था कि जल शक्ति विभाग की 4,680 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं जिससे 323.30 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है.प्रदेशभर में करीब 2500 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं.
जानकारी के मुताबिक यहां एक जुलाई से नौ जुलाई तक सामान्य 160.6 मिमी. की तुलना में 271.5 मिमी. बारिश हुई थी, जो 69 प्रतिशत ज्यादा थी. 10 जुलाई को प्रदेश में सामान्य से 1007 फीसदी ज्यादा बारिश हुई. एक दिन में प्रदेश में औसतन 92 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. सामान्य तौर पर इस अवधि में सिर्फ 8.3 मिलीमीटर बारिश ही होती है.
हिमाचल सरकार ने बारिश और चारों तरफ हो रही तबाही के कारण स्कूलों में मॉनसून की छुट्टियों में बदलाव कर दिया है. ये छुट्टियां 10 जुलाई से शुरू हो गई हैं. उच्च शिक्षा निदेशालय के आदेश के अनुसार कुल्लू जिले के स्कूलों में यह अवकाश 10 जुलाई से 1 अगस्त तक 23 दिन का रहेगा. पहले यह छुट्टियां 23 जुलाई से 14 अगस्त दी जाती थीं. वहीं लाहौल-स्पीति के स्कूलों में 10 जुलाई से 20 अगस्त तक 42 दिन का अवकाश रहेगा. यहां ये छुट्टियां 17 जुलाई से 20 अगस्त तक होनी थीं. इसी तरह किन्नौर, पांगी व भरमौर में 10 से 15 अगस्त तक छह दिन का मॉनसून अवकाश रहेगा. यहां पहले 22 से 27 अगस्त होता था. इसके अलावा शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में 10 से 15 जुलाई तक छह दिन का अवकाश रहेगा. मौजूदा शेड्यूल के तहत मॉनसून ब्रेक 22 से 27 जुलाई तक होना था.
- सरकार के 1100, 1070 और 1077 टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.
- कुल्लू में मोबाइल नंबर 8284525770, लैंडलाइन 01902-225630, 25631, 225632 और 225634 नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं.
- बिलासपुर में मोबाइल नंबर 9805218923, लैंडलाइन नंबरों 01978-224901, 224902, 224903, 224904 पर संपर्क कर सकते हैं.
- चंबा में मोबाइल नंबर 9816538980, लैंडलाइन नंबरों 01899-226951, 226952, 226953, 226662 पर संपर्क कर सकते हैं.
- हमीरपुर में मोबाइल नंबर 8558875013, लैंडलाइन नंबरों 01972-221277, 221377, 221477, 221877 पर संपर्क कर सकते हैं.
- कांगड़ा में मोबाइल नंबर 8894851111, लैंडलाइन नंबरों 01892-229050, 229051, 229052, 229053 पर संपर्क कर सकते हैं.
- किन्नौर में मोबाइल नंबर 7018931071, लैंडलाइन नंबरों 01786-223151, 223152, 223153, 223154 पर संपर्क कर सकते हैं.
- लाहौल स्पीति में फोन नंबर 9418426004, लैंडलाइन नंबरों 01900-202509, 202510, 202517 पर संपर्क कर सकते हैं.
- मंडी में फोन नंबर 7018786237, लैंडलाइन नंबरों 01905-226201, 226202, 226203, 226204 पर संपर्क कर सकते हैं.
- शिमला में फोन नंबर 9857379885, लैंडलाइन नंबरों 0177-2800880, 2800881, 2800882, 2800883 पर संपर्क कर सकते हैं.
- सिरमौर में फोन नंबर 8219607760, लैंडलाइन नंबरों 01702-226401, 226402, 226403, 226404 पर संपर्क कर सकते हैं.
- सोलन में फोन नंबर 6230376825, लैंडलाइन नंबरों 01792-220882, 220048, 220049, 220048 पर संपर्क कर सकते हैं.
- उना में फोन नंबर 9805851137, लैंडलाइन नंबरों 01975-225045, 225046, 225052, 225055 पर संपर्क कर सकते हैं.
मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक सोमा सेन रॉय के मुताबिक कि मॉनसून और पश्चिमी विक्षोभ दोनों वेदर सिस्टम ने मिलकर इतनी बारिश करा दी है कि हिमाचल में तबाही देखने को मिल रही है. तेज बारिश हुई तो ब्यास नदी, पार्वती नदी और रावी नदी हिमाचल से होकर गुजरने वाली इन तीन नदियों में बड़ा उफान देखने को मिला और ऐसा कोई पहली बार नहीं है. पहले भी जब हल्की या तेज बारिश हुई तो ये नदियां उफान में लोगों को बहाने लगीं.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के मुताबिक नदी के तट से 25 मीटर दूरी तक निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है. लेकिन हकीकत यह है कि नदी के किनारों तक अवैध निर्माण होने दिया गया. नतीजा यह रहा कि नदियों के एकदम पास बने घर सैलाब में बह गए. मनाली से मंडी तक नियमों को ताक पर रखकर पिछले कुछ वर्षों में नदी तट किनारे बहुमंजिला घरों व व्यावसायिक परिसरों का निर्माण कार्य हुआ है. इससे नदी का फैलाव कम हुआ है. तट सिकुड़ने से थोड़ा सा जलस्तर बढ़ने पर ब्यास नदी तबाही मचा रही है.
नियम कहता है कि अवैध खनन नहीं होना चाहिए. हकीकत यह है कि ब्यास, रावी, पार्वती नदी में अवैध खनन होता रहा. नतीजतन किनारे तोड़कर कटाव बढ़ने लगता है. मनाली के पास हाइवे की सड़क के ऐसे हिस्से इसीलिए गिरते हैं, क्योंकि जिन नदियों को नागरिक पूजते हैं उन्हीं नदियों का अवैध खनन होने दिया जाता है.
नियम कहता है निर्माण कार्य के दौरान मलबा सुरक्षित जगह डाला जाएगा. हकीकत यह है कि कई निर्माण का मलबा नदियों में ही डाला गया. नतीजतन तट सिकुड़ने से कभी भी तेज बारिश होने पर बाढ़ आती है. जब ऐसे और भी तमाम कारणों को सरकारें नजरअंदाज करती आ रही हों, तो आपदा के बाद सिर्फ प्राकृतिक बताकर पलड़ा झाड़ देना तो पर्याप्त नहीं होगा.
हिमाचल प्रदेश में यूपी के उन लोगों की सूची जो भारी बारिश के चलते बिगड़े हालत में फंसे हुए हैं। इनमें से कुछ सुरक्षित हैं तो कुछ के बारे में कोई जानकारी मिल पाई है. यूपी सरकार की ओर से इन लोगों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है. इन लोगों के नाम शिवांग, शारिफ, आर्यन त्यागी, प्रियंका, रति, हेमंत शर्मा, आयुशी, कन्हैया, अर्चना, परवेश, आयुष, गौरव, पंकज और अभय हैं.