प्रियंका गांधी का शिमला में बन रहा घर एक बार फिर चर्चा में है. हिमाचल प्रदेश के सूचना आयोग ने राज्य सरकार को प्रियंका के घर से जुड़ी जानकारियां आरटीआई के जरिए आवेदनकर्ता को देने का निर्देश दिया है.
सरकार पर लग सकता है जुर्माना
यही नहीं, सूचना आयोग ने सरकार से पूछा है कि क्यों न उस पर प्रियंका गांधी के घर से जुड़ी जानकारियां छिपाने के लिए प्रतिदिन 250 रुपये के हिसाब से 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाए. एक आरटीआई कार्यकर्ता ने राज्य सरकार से आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी थी कि किन नियमों के तहत प्रियंका को हिमाचल में घर बनाने के लिए जमीन खरीदने की इजाजत दी गई.
निर्माण की नहीं है इजाजत
प्रियंका गाधी का आलिशान मकान शिमला के पास मशोबरा के गांव छडबड़ा में बन रहा है. साल 2012 बीजेपी संसद शांता कुमार ने आरोप लगाया था कि प्रियंका को नियमों को ताक पर रख कर यह मीन खरीदने की इजाजत दी गई. यह वो इलाका है जहा राष्ट्रपति का ग्रीष्मकालीन निवास भी है. इस इलाके में किसी भी तरह के निर्माण की इजाजत नहीं है लेकिन प्रियंका गांधी को यह इजाजत कैसे दी गई, इस पर विवाद है.
कांग्रेस के कार्यकाल में खरीदी थी जमीन
हिमाचल प्रदेश में किसी भी गैर हिमाचली को जमीन खरीदने की इजाजत नहीं है. इसके लिए सरकार की अनुमति लेनी जरूरी है. यह जमीन 2007 में कांग्रेस के कार्यकाल में खरीदी गई थी, जबकि जमीन का कुछ हिस्सा खरीदने की अनुमति पिछली धूमल सरकार के दौरान दी गई थी. इन अनुमति से जुड़ी जानकारी देबाशीष भट्टाचार्य नाम के शख्स ने आरटीआई के जरिए राज्य सरकार से मांगी थी. लेकिन कई प्रयास करने के बावजूद जब कोई जवाब नहीं मिला तो भट्टाचार्य ने राज्य सूचना आयोग में अपील की, जिसके बाद ने सरकार को दस दिन के भीतर जानकारी देने के आदेश दिए साथ ही सरकार से पूछा कि क्यों न उस पर जानकारी न देने के लिए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया जाए.