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विक्रमादित्य के इस्तीफे से नंबरगेम में फंसी सुक्खू सरकार, कांग्रेस हाईकमान डैमेज कंट्रोल में जुटा... हिमाचल में अब क्या होने वाला है?

हिमाचल प्रदेश में छह विधायकों की बगावत से जूझ रही कांग्रेस की मुश्किल विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे से बढ़ गई है. कांग्रेस हाईकमान डैमेज कंट्रोल के लिए एक्टिव हो गया है. वहीं अब यह चर्चा भी शुरु हो गई है कि आगे क्या?

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विक्रमादित्य सिंह और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
विक्रमादित्य सिंह और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू

हिमाचल प्रदेश में पल-पल सीन बदल रहा है. सुक्खू सरकार राज्यसभा चुनाव के बाद नंबरगेम में फंस गई है तो वहीं अब सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के सामने कहा है कि आलाकमान कहे तो वह सीएम पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. सुक्खू की ओर से सीएम पद से इस्तीफे की पेशकश ऐसे समय आई है जब प्रतिभा सिंह कैंप ने उनके खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया.

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सुक्खू सरकार में मंत्री रहे पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया. उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार पर भी जमकर हमला बोला. एक दिन पहले राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह विधायक भी इसी गुट के बताए जा रहे थे. विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद अब विक्रमादित्य भी खुलकर सामने आए और सरकार पर आरोप की बौछार कर दी.

विक्रमादित्य ने विधानसभा चुनाव में मिली जीत के लिए अपनी मां प्रतिभा सिंह और तब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे मुकेश अग्निहोत्रि की मेहनत का जिक्र किया और आरोप लगाया कि जिन वीरभद्र सिंह के नाम का इस्तेमाल कर कांग्रेस चुनाव जीतकर आई. उन्हीं की प्रतिमा लगाने के लिए शिमला के मॉल रोड पर दो गज जमीन नहीं दी गई.

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विक्रमादित्य के इस बयान में दर्द था तो अपमान का दंश भी. उन्होंने सीएम की कार्यशैली पर सवाल उठाए, विधायकों की अनदेखी का आरोप लगाया और मंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान करते हुए यहां तक कह दिया कि सरकार रहे या जाए, उन्हें फर्क नहीं पड़ता. हालांकि, यह कहकर उन्होंने कांग्रेस के साथ सुलह के रास्ते भी खुले रखे कि कांग्रेस के साथ निष्ठा है इसीलिए यह बोल रहा हूं.

छह विधायक पहले से ही बागी तेवर अख्तियार किए हुए थे, विक्रमादित्य का मंत्री पद से इस्तीफा कांग्रेस नेतृत्व के लिए यह दो टूक संदेश था कि नाराज विधायकों का कुनबा और बढ़ सकता है. विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंह कई बार सूबे के मुख्यमंत्री रहे हैं, माता प्रतिभा सिंह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. कहा जाता है कि हिमाचल कांग्रेस के करीब दर्जनभर विधायक इस गुट के करीबी माने जाते हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए सूबे की सियासत के रसूखदार परिवार को दरकिनार कर पाना इतना भी आसान नहीं होगा.

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कांग्रेस भी इस बात को समझ रही है और शायद यही वजह है कि पार्टीअब एक्शन मोड में आ गई है. विधानसभा में बजट पर डिवीजन ऑफ वोट्स की मांग कर रहे बीजेपी के 15 विधायकों को सदन की कार्यवाही से स्पीकर का सस्पेंड करना हो या अब सुक्खू की ओर से कुर्सी छोड़ने की पेशकश, डैमेज कंट्रोल की रणनीति से ही जोड़कर देखे जा रहे हैं. कहा यह भी जा रहा है कि पार्टी सुक्खू और प्रतिभा सिंह गुट, दोनों को दरकिनार कर किसी नए चेहरे को सीएम बना सकती है. दरअसल, विक्रमादित्य के तेवरों ने छह विधायकों की बगावत के बाद नंबरगेम में फंसी सत्ताधारी पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा दीं.

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हिमाचल विधानसभा में क्या है नंबरगेम

कुल 68 सदस्यों वाली हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं और बीजेपी के 25. दो निर्दलीय समेत तीन अन्य विधायक भी राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग से पहले तक कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे थे. राज्यसभा चुनाव के बाद बदली परिस्थितियों में विक्रमादित्य समेत कांग्रेस के सात विधायक बागी तेवर अख्तियार कर चुके हैं.

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तीन अन्य भी सरकार का साथ छोड़कर बीजेपी के करीब जा चुके हैं. ऐसे में सुक्खू सरकार के पास फिलहाल 33 विधायकों का समर्थन है जो बहुमत के लिए जरूरी 35 विधायकों के जादुई आंकड़े से दो कम है. दूसरी तरफ, सात बागियों, तीन अन्य और बीजेपी के 25 विधायकों को मिला लें तो 35 विधायक सरकार के खिलाफ हैं.

बदली परिस्थितियों में स्पीकर ने बीजेपी के 15 विधायकों को सदन की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया है. ऐसे में सदन के भीतर कुल स्ट्रेंथ 53 पर आ गई और बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 27 पर. ताजा नंबरगेम में सुक्खू सरकार के पास 33 विधायकों का समर्थन है जो बहुमत के लिए जरूरी 27 से छह अधिक है.

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लेकिन ध्यान देने वाली बात यह भी है कि यह राहत अस्थायी है. विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने यह दावा किया है कि कांग्रेस के छह या सात नहीं, कई और विधायक हमारे संपर्क में हैं. उन्होंने यह भी दावा किया है कि सुक्खू सरकार अल्पमत में है.

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