हिमाचल प्रदेश में समोसा राजनीतिक का मुद्दा बन गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए बनाए गए समोसे और केक उनके सुरक्षा कर्मचारियों को परोस दिए गए. इसके बाद विवाद खड़ा हो गया और मामला जांच तक पहुंच गया. सीएम ने कहा कि 'मैं तो समोसे खाता ही नहीं, मुझे तो पता भी नहीं था कहां से समोसे आए हैं' उन्होंने इसे लेकर बीजेपी पर पलटवार किया.
इस मामले में भाजयुमो ने कल शिमला में समोसा मार्च निकालने का ऐलान किया. प्रदेश भाजयुमो शेर-ए-पंजाब से शिमला के लोअर बाजार तक समोसा मार्च निकालेगा. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भाजयुमो हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष तिलक राज करेंगे.
हिमाचल में 'समोसा कांड' के तूल पकड़ने के बाद सीएम सुक्खू ने कहा कि 'बीजेपी बचकाना हरकत कर रही है. मुझे तो पता भी नहीं था कहां से समोसे आए हैं, मैं समोसे खाता नहीं. उन्होंने कहा कि जहां तक आर्थिक परिस्थिति की बात है, तो हिमाचल प्रदेश ही ऐसा राज्य है, जिसने एक साथ 3 महीने की सैलरी दी है.
बता दें कि ये घटना 21 अक्टूबर की है, जब मुख्यमंत्री सीआईडी मुख्यालय के दौरे पर थे, लिहाजा उनके लिए समोसे और केक मंगवाए गए थे, लेकिन गलती से उनके सुरक्षा कर्मचारियों को परोस दिया गया. इसके बाद इस पूरे मामले पर सीआईडी जांच बैठाई गई. सीआईडी ने जांच की है कि किसकी गलती से मुख्यमंत्री के लिए लाए गए समोसे और केक सीएम के स्टाफ को परोसे गए. जांच रिपोर्ट पर एक सीनियर अधिकारी ने लिखा- यह कृत्य 'सरकार और सीआईडी विरोधी' है.
बीजेपी के प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को सूबे के विकास की कोई चिंता नहीं है और उसकी एकमात्र चिंता मुख्यमंत्री का समोसा है. उन्होंने कहा कि सुक्खू के लिए लाए गए समोसे से जुड़ी हालिया घटना ने विवाद को जन्म दिया है. जांच में इस गलती को "सरकार विरोधी" कृत्य बताया गया, जो कि बहुत बड़ा शब्द है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि यह घटना हिमाचल प्रदेश के सियासी हलकों में चर्चा का मुद्दा बन गई है. वास्तव में मुख्यमंत्री जैसे VVIP से जुड़े कार्यक्रम में इस तरह की समन्वय समस्याओं के कारण सरकारी मशीनरी शर्मिंदा है.