हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया. अधिकारियों ने भारी बारिश से प्रदेश में नुकसान की रिपोर्ट पेश की. अधिकारियों के मुताबिक, दो दिन में सामान्य से एक हजार प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. अभी तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि शिमला में अभी दो लोग लापता हैं.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य में आई आपदा पर सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रंसिंग की. उन्होंने प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान की रिपोर्ट तलब की. हिमाचल के मुख्य सचिव बी के अग्रवाल ने तबाही की स्थिति के बारे में बताया. इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
रिपोर्ट में पता चला है कि दो दिन में सामान्य से एक हजार प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. भारी बारिश से मरने वालों की संख्या 22 तक पहुंच गई है. भरमौर में एक और व्यक्ति की मौत हो गई. शिमला में अभी भी 2 लोग लापता हैं. राहत कार्य के लिए लोकनिर्माण विभाग को 50 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. नुकसान का मेमो तैयार कर केंद्र को रिपोर्ट भेजी जा रही है.
हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलनों, सड़कें टूटने और बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण सैकड़ों लोग फंस गए हैं. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. उफनती ब्यास नदी के किनारे बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलनों के कारण मंडी और कुल्लू शहरों के बीच चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया है.
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्यभर में 68 सड़कों पर यातायात बाधित है और चंबा जिले में सबसे अधिक 47 सड़कें बाधित हैं. मंडी-जोगिंदरनगर राजमार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. बाढ़ के कारण कुल्लू शहर के पास एक पुल बह गया. उन्होंने आगे बताया कि एहतियात के तौर पर सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) के 1,500 मेगावाट के नाथपा झाकरी प्लांट, जो कि किन्नौर जिले में स्थित है और भारत का सबसे बड़ा हाईड्रो प्रोजेक्ट है, उससे अतिरिक्त पानी छोड़ा गया, जिससे सतलज नदी में बाढ़ आ गई.(आईएएनएस से इनपुट)