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हिमाचल: भक्तों का इंतजार खत्म,10 सितंबर से खुलेंगे धार्मिक स्थलों के कपाट

हिमाचल के मंदिरों में प्रवेश करने और बाहर निकलने के रास्ते अलग-अलग होंगे. श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वह लगातार मंदिर ना जाएं और सिर्फ खास आयोजनों पर ही दर्शन के लिए घर से निकलें.

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हिमाचल प्रदेश में खुलेंगे धार्मिक स्थल (फाइल फोटो)
हिमाचल प्रदेश में खुलेंगे धार्मिक स्थल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पांच महीने बाद खोले जाएंगे धार्मिक स्थल
  • राज्य सरकार ने जारी किया एसओपी
  • मंदिरों में प्रवेश करने, निकलने के रास्ते अलग

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कुछ शर्तों के साथ पांच महीने बाद धार्मिक स्थलों के कपाट खोलने की इजाजत दे दी है. 10 सितंबर से श्रद्धालुओं के लिए प्रदेश के पांचों शक्तिपीठ और दूसरे धार्मिक स्थल खोल दिए जाएंगे. लेकिन 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से छोटे बच्चों को मंदिरों में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई है. इसके अलावा राज्य सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (एसओपी) की घोषणा भी की है. 

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राज्य सरकार ने पांच महीने बाद धार्मिक स्थलों को खोलने के आदेश दिए हैं, इसलिए सभी मंदिरों को पहले सैनिटाइज करने का भी आदेश जारी किया गया है. श्रद्धालु और प्रबंधक कई महीनों से धार्मिक स्थलों के खोले जाने का इंतजार कर रहे थे. ऐसे में प्रदेश सरकार के इस फैसले से सभी राहत महसूस कर रहे हैं. 

हालांकि कोरोना महामारी के इस दौर में श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों में प्रवेश करना इतना आसान भी नहीं होगा. मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं को कड़ाई से शर्तों का पालन करना होगा. प्रवेश करने से पहले श्रद्धालु अपने जूते, अपनी गाड़ी में ही छोड़कर पैदल मंदिर की तरफ बढ़ेंगे. मंदिर द्वार पर उनकी थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. 

श्रद्धालुओं को मंदिरों के द्वार, दरवाजे, दीवारें, धार्मिक पुस्तकें, मूर्तियां आदि छूने की इजाजत नहीं होगी. मंदिरों की घंटी बजाने पर भी पाबंदी लगाई गई है. अगले आदेश तक सभी घंटियों को एक कपड़े से बांधा जाएगा. 

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मंदिरों में होने वाले कई आयोजनों, जैसे-  भजन- कीर्तन, मुंडन संस्कार, धार्मिक स्नान, आरती आदि पर भी प्रतिबंध रहेगा. प्रशासन ने पहले से ही रिकार्डेड भजन कीर्तन के ऑडियो चलाने की इजाजत दे दी है.

मंदिरों में प्रवेश करने और बाहर निकलने के रास्ते अलग-अलग होंगे. श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वह लगातार मंदिर ना जाएं और सिर्फ खास आयोजनों पर ही दर्शन के लिए घर से निकलें.

गौरतलब है कि पिछले पांच महीने से भी ज्यादा वक्त से बंद पड़े हिमाचल के मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है. यही नहीं इन मंदिरों की आय भी 90 फ़ीसदी तक कम हो गई है.

हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों और दूसरे धार्मिक स्थलों में पड़ोसी राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सरकार ने अन्य राज्यों की तरह ही यहां पर भी सभी धार्मिक स्थल बंद कर दिए थे. 

 

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