हिमाचल प्रदेश के शिमला और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार हो रही बारिश ने तापमान में भारी गिरावट कर दी है. जिसके चलते गुरुवार रात शिमला में जगह-जगह भारी बारिश हुई. यहां तक कि शिमला-किन्नौर के प्रवेश में नेशनल हाईवे-5 पर भूस्खलन होने की वजह से चट्टान का मलबा गिर गया. इस मलबे ने हाईवे को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया. हाईवे के क्षतिग्रस्त होने के कारण, यात्रा कर रहे मुसाफिरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
Himachal Pradesh: National Highway 5 blocked at several places in Kinnaur district after heavy rain last night; Visuals of the gate at Shimla-Kinnaur entry which was damaged after a boulder fell on it. pic.twitter.com/XgUieUkR4w
— ANI (@ANI) February 22, 2019
हिमाचल प्रदेश के मौसम विभाग ने ऊंचाई वाले इलाकों मनाली, कल्पा और अन्य शहरों में पिछले 24 घंटों में हुई बर्फबारी के कारण तापमान हिमांक बिंदू से नीचे पहुंचने की जानकारी दी. विभाग ने बताया कि मनाली में गुरुवार को 11 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई. जबकि यहां का न्यूनतम तापमान शून्य से 1.4 डिग्री नीचे दर्ज किया गया.
हालांकि शिमला से 250 किलोमीटर दूर कल्पा में 14 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई. कल्पा का न्यूनतम तापमान शून्य से 2.4 डिग्री नीचे दर्ज किया गया. जबकि कल का दिन लाहौल और स्पीति के मुख्यालय केलांग में राज्य का सर्वाधिक ठंडा दिन रहा. यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 6.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. वहीं राजधानी शिमला में कल के दिन 11.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. यहां रात में तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि धर्मशाला में कल का तापमान 3.2 डिग्री दर्ज किया गया था और साथ ही यहां 18.2 मिलीमीटर बारिश भी मापी गई.
हिमाचल प्रदेश के सबसे ज्यादा पर्यटक वाले जिले कुल्लू के भुंतर में राज्य की सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई. यहां 51.2 मिलीमीटर बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया. हिमाचल प्रदेश के मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि लाहौल और स्पीति, चंबा, किन्नौर और कुल्लू जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई. साथ ही शुक्रवार तक शिमला में और अधिक बर्फबारी और बारिश होने की संभावना जताई है.