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हिमाचल प्रदेश में फिर एक्टिव होगा मॉनसून, IMD ने जारी किया भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, लैंडस्लाइड की भी आशंका

मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की मानें तो आज यानी 04 अगस्त से 07 अगस्त के बीच भारी बारिश देखने को मिल सकती है. आइए जानते हैं आईएमडी का लेटेस्ट अपडेट.

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IMD Rainfall Alert (Representational Image)
IMD Rainfall Alert (Representational Image)

हिमाचल प्रदेश में फिर से मॉनसून सक्रिय होने जा रहा है. प्रदेश में चार अगस्त से सात अगस्त तक भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. इस दौरान चंबा, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर हमीरपुर, ऊना, सोलन और सिरमौर में भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग की ओर से इसको लेकर ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है. कई हिस्सों में तेज बारिश के साथ लैंडस्लाइड और नदियों के उफान पर रहने की भी आशंका जताई है. 

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जुलाई में बारिश ने तोड़ा 40 साल का रिकॉर्ड
जुलाई में प्रदेश के तकरीबन सभी जिलों में जमकर बारिश हुई है और जुलाई महीने में बारिश ने 40 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1980 में जुलाई महीने में 477 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी और उसके बाद अब 437 मिली मीटर बारिश जुलाई महीने में रिकॉर्ड की गई है.  मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मॉनसून कमजोर पड़ गया था, लेकिन अब फिर से मॉनसून सक्रिय होने से 7 से 8 दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा.

IMD ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
4 अगस्त से प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बारिश होने की संभावना है और इसको लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इस दौरान कई हिस्सों में लैंडस्लाइड और नदियों के उफान पर रहने की भी संभावना है. सुरेंद्र पाल ने बताया कि जुलाई महीने में मॉनसून में काफी ज्यादा बारिश हुई है और कई सालों के रिकॉर्ड टूटे हैं. 1980 में प्रदेश में सबसे ज्यादा 477 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी और इस साल जुलाई महीने में 437 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. उन्होंने बताया कि पिछले 122 सालों के रिकॉर्ड में इस बार सातवीं बार सर्वाधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है. 

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बता दें कि प्रदेश में इस बार मॉनसून ने जमकर कहर बरपाया है. मॉनसून के दौरान काफी ज्यादा जानी और माली नुकसान हुआ है. प्रदेश में अब तक 8000 करोड़ से ज्यादा के नुकसान की संभावना जताई गई है जबकि 197 लोगों की जान मॉनसून के दौरान जा चुकी है. इसके अलावा कई लोग बेघर भी हो चुके हैं. 

 

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