हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में लैंडस्लाइड की वजह से कई गाड़ियां और एक टूरिस्ट बस मलबे के नीचे दब गईं. शुक्रवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान चार और शव मलबे में दबे मिल गए हैं. इस हादसे में अब मरने वालों का आंकड़ा 17 हो चुका है.
किन्नौर हादसे के बाद रेस्क्यू जारी
बताया जा रहा है कि आईटीबीपी और NDRF के जवानों को रेस्क्यू करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ ये इलाका वैसे भी चुनौतीपूर्ण जगह पर स्थित है, वहीं दूसरी तरफ अभी लगातार पहाड़ों से पत्थर गिर रहे हैं. ऐसे में अपनी जान बचाते हुए दूसरों का रेस्क्यू करना मुश्किल कार्य साबित हो रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि गुरुवार को आईटीबीपी को बस का मलबा 500 मीटर नीचे दिखाई पड़ा था. उसके बाद ही रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई गई थी और लोगों को वहां से निकालने की कोशिशें तेज की गईं. कहा जा रहा है कि अभी भी कई लोग मलबे में दबे हुए हैं. शनिवार को रेस्क्यू टीम द्वारा चार शवों को बाहर निकाल लिया गया है.
कैसे हुई थी ये घटना?
इस हादसे की बात करें तो बुधवार दोपहर को करीब 12 बजे किन्नौर में लैंडस्लाइड हुआ था. तब निगुलसरी के पास सड़क से गुजर रहे कई वाहन इसकी चपेट में आ गए. पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण मलबे में बस, कार, ट्रक दब गए.
प्राकृतिक आपदाओं का गढ़ बना हिमाचल
अब हिमाचल के लिए ऐसी घटना कोई नई बात नहीं है. वहीं किन्नौर भी ऐसी प्राकृतिक आपदाओं का लगातार सामना करता रहता है. पिछले महीने ही किन्नौर में भूस्खलन की वजह से नौ लोगों की मौत हो गई थी. मृत सभी लोग पर्यटक बताए गए थे जो गर्मी से राहत के लिए पहाड़ी राज्य घूमने निकले थे. लेकिन लैंडस्लाइड की वजह से वो सभी पत्थऱ के नीचे दब गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इससे पहले कांगड़ा जिले में भी भयंकर भूस्खलन की घटना हुई थी. तब 10 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी.