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मनी लॉन्ड्रिंग केसः पूर्व CM वीरभद्र सिंह को कोर्ट से मिली पेशी से छूट

पटियाला कोर्ट ने दोनों को इस मामले में जिरह के खत्म होने तक पेश नहीं होने की छूट दी है. अब वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी को तभी कोर्ट आना पड़ेगा जब कोर्ट की ओर से ट्रायल के दौरान उनकी जरूरत पड़ने पर पेशी के ऑर्डर दिया जाएगा.

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हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (फाइल)
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (फाइल)

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पटियाला हाउस कोर्ट ने 10 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के मामले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी है.

पटियाला कोर्ट ने दोनों को इस मामले में जिरह के खत्म होने तक पेश नहीं होने की छूट दी है. अब वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी को तभी कोर्ट आना पड़ेगा जब कोर्ट की ओर से ट्रायल के दौरान उनकी जरूरत पड़ने पर पेशी के ऑर्डर दिया जाएगा.

87 साल के वीरभद्र सिंह का तर्क था कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता और साथ ही वो दिल्ली मे भी नहीं रहते, इसलिए उन्हें पेशी से छूट दी जाए, लेकिन सीबीआई के वकील ने पेशी से छूट देने का विरोध किया.

17 जुलाई को अगली सुनवाई

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पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई के लिए टाल दी है. सीबीआई पहले इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी सहित कुल 9 लोगों के खिलाफ अदालत चार्जशीट दाखिल की है.

सीबीआई ने 23 सितंबर 2015 को वीरभद्र और उनकी पत्नी समेत अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13 (2) और 13 (1) और आईपीसी की धारा 109 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

आरोप है कि 28 मई 2009 से 26 जून 2012 के दौरान केंद्र में इस्पात मंत्री रहते हुए वीरभद्र सिंह ने 10 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की. साथ ही वर्ष 2007 और 2008 के दौरान उनके और एलआईसी एजेंट आनंद चौहान के बैंक खातों में बड़ी रकम का लेनदेन भी किया गया था.

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