हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के बाद एहतियातन 62 सड़कों को बंद कर दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि बारिश की वजह से कई बिजली प्रोजेक्ट भी बाधित हो गई हैं.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि शिमला में 30 सड़कें, मंडी में 16, कांगड़ा में 10, कुल्लू में दो और किन्नौर, ऊना, सिरमौर और लाहौल और स्पीति जिलों में एक-एक सड़कें बंद हैं, साथ ही 17 बिजली परियोजनाएं भी बाधित हैं.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार शाम से राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश हुई है. राज्य की राजधानी शिमला के उपनगर जुब्बड़हट्टी में सबसे अधिक 28 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद कसौली में 25 मिमी, शिमला में 20.6 मिमी, कुफरी में 12.3 मिमी, नैना देवी में 12.2 मिमी, सोलन में 8.4 मिमी, नाहन और बरथिन में 5.2 मिमी बारिश दर्ज की गई. डलहौजी में 5 मिमी बारिश हुई है.
27 जून को राज्य में मानसून की शुरुआत होने के बाद से हिमाचल प्रदेश में 524.1 मिमी वर्षा हुई है. अधिकारियों के मुताबिक, 27 जून से 7 सितंबर तक मानसून के दौरान बारिश से जुड़ी घटनाओं में 158 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 30 अभी भी लापता हैं. राज्य को 1,305 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
कुल मौतों में से 39 ऊंचाई से गिरने से, 27 डूबने से, 26 सांप के काटने से, 23 बादल फटने से, 17 बिजली गिरने से, आठ अचानक बाढ़ से, छह भूस्खलन से, एक बिजली गिरने से और 11 अन्य की मौत हो गई. लाहौल और स्पीति में कुकुमसेरी 9.8 डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम तापमान के साथ राज्य का सबसे ठंडा स्थान था, जबकि बिलासपुर 35.5 डिग्री के अधिकतम तापमान के साथ सबसे गर्म स्थान था.