सुप्रीम कोर्ट ने शिमला में निर्माण गतिविधियों को रेगुलेट करने के लिए लाए गए राज्य सरकार के शिमला डेवलपमेंट प्लान 2041 को मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने इस प्लान के अमल पर रोक लगाने वाले मई 2022 में दिए गए NGT के आदेश को रद्द कर दिया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां तक हमने इस प्लान को पहली नजर में देखा है, इस प्लान को विभिन्न एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
कोर्ट ने आगे कहा कि राज्य की विकास की जरूरतों के साथ पर्यावरण और पारिस्थितिक चिंताओं के बीच संतुलन का ध्यान भी इसमें रखा गया है. इसके बावजूद अगर इसके प्रावधान पर किसी नागरिक को एतराज है तो उपयुक्त फोरम पर अपनी शिकायत कर सकता है.
बता दें कि हिमाचल की सुक्खू सरकार ने जून 2023 में नई योजना को मंजूरी दी थी. हालांकि इसके बाद NGT ने इस पर सवाल उठाए थे. कारण, शिमला विकास योजना को पिछली जयराम सरकार ने फरवरी 2022 में मंजूरी दे दी थी लेकिन मई 2022 में एनजीटी के स्टे के चलते इसे लागू नहीं किया जा सका था. एनजीटी ने प्लान को अवैध करार दिया था और इसे NGT के ऑर्डर के खिलाफ माना था. इसके खिलाफ सुक्खू सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.